बादल परिवार की तर्ज पर पिता पुत्र की जोड़ी मैदान में

विगत विधान सभा चुनाव में भी थे मैदान में, लेकिन मिली पराजय

अगर विजयी बने तो बादल परिवार के बाद सबसे मजबूत जन आधार वाले नेता साबित होंगे

मोगा : 03 फरवरी [ प्रेम शर्मा विशेष संवाददाता] := मोगा जिला राजनीति में अहम स्थान रखता है यही वजह है कि सभी राजनैतिक पार्टियाँ अपनी प्रमुख रैली मोगा में करने को प्राथमिकता देती है।वहीं अकाली दल बादल में विशेष अहमियत रखते पूर्व मंत्री जथेदार तोता सिंह बादल परिवार की तर्ज पर पंजाब विधान सभा क्षेत्र धर्मकोट से खुद तथा मोगा विधान सभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उनके पुत्र एडवोकेट ब्रजिन्दर बराड़ कूदे हुए है।हालां कि 2017 में हुए विधान सभा चुनाव में यह पिता पुत्र की जोड़ी मैदान में थी लेकिन अकाली भाजपा सरकार विरोधी लहर होने के चलते इन्हें पराजय का सामना करना पड़ा। लेकिन अब देखना है कि क्या यह पिता पुत्र की जोड़ी विजयी होकर मोगा जिला का नाम बादल परिवार की तर्ज पर रोशन करने में कितना सफल होती है। यह चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चल सकेगा।परन्तु जिस प्रकार से इस पिता पुत्र की जोड़ी को जन समर्थन मिल रहा है उससे पिता पुत्र अपनी विजय को लेकर उत्साहित दिख रहे है |गौर रहे कि साल 2017 में हुए विधान सभा चुनाव में जथेदार तोता सिंह ने पहली बार रिजर्व से सामान्य क्षेत्र बने धर्मकोट विधान सभा से चुनाव लड़ा।जिसके लिए उन्होंने पहले से ही तैयारी करते बतौर मंत्री इस क्षेत्र के विकास को नई दिशा दी।लेकिन सरकार विरोधी लहर के चलते लगभग बीस हजार वोट के अंतर से कांग्रेस के सुखजीत सिंह लोहगढ के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा।जबकि जथेदार तोता सिंह के पुत्र एडवोकेट ब्रजिन्दर बराड़ राजनीति में अपने पिता के पदचिन्हो पर चलते हुए पूरी तरह सरगर्म है |साल 2017 में हुए विधान सभा चुनाव में कांग्रेस के हरजोत कमल तथा आप के एडवोकेट रमेश ग्रोवर के मुकाबले लगभग 15 हजार वोट के अंतर से तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा था |उस चुनाव में भाजपा जहाँ उसकी सहयोगी थी लेकिन विधायक जोगिंदर जैन ने अकाली होने के बावजूद अंदर खाते कांग्रेस के हरजोत कमल को विजयी बनाने में अहम भूमिका अदा की थी| लेकिन इस बार जैन के अस्वस्थ होने के चलते उनके बेटे व पूर्व मेयर अक्षित जैन ब्रजिन्दर बराड़ के साथ चल रहे है जो उन्हें मजबूती प्रदान करता है |ऐसे में पिता पुत्र को जन समर्थन कितना मजबूती प्रदान करेगा इस का अंदाजा लगभग दो सप्ताह बाद चुनाव से पहले ही पता चल सकेगा |अगर पिता पुत्र विजयी बन नया इतिहास रचते है तो राजनीति में बादल परिवार के बाद मजबूत आधार वाले राजनेता साबित होंगे |

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