लखनऊ:गांधी जयंती के अवसर पर पुलिस कमिश्नर लखनऊ श्री डी0के0 ठाकुर महोदय द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्रों पर माल्यापर्ण कर गांधी जयंती की दी गई शुभकामनाएं

लखनऊ से संवाददाता अखिलेश सिंह की रिपोर्ट:

छायाकार- रवि

गांधी जयंती के अवसर पर पुलिस कमिश्नर लखनऊ श्री डी0के0 ठाकुर महोदय द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्रों पर माल्यापर्ण कर गांधी जयंती की दी गई शुभकामनाएं

*लखनऊ: आज दिनांक 02 अक्टूबर 2021 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की 152 वीं जयंती के अवसर पर पुलिस कमिश्नर लखनऊ श्री डी0के0 ठाकुर महोदय द्वारा रिजर्व पुलिस लाइन लखनऊ में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्रों पर माल्यार्पण कर रिजर्व पुलिस लाइन लखनऊ में उपस्थित सभी पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को शुभकामनाएं देते हुए अपने-अपने कार्यो को पूरे मनोयोग व ईमानदारी से निर्वहन करने हेतु दिलाई गयी शपथ।

इसके साथ ही महात्मा गांधी के लखनऊ से जुड़ी कुछ यादों के बारे में भी बताते हुए कहा कि महात्मा गांधी जी कहते थे की अहिंसा सबसे बड़ा कर्तव्य है,
हम इसका पालन नहीं कर सकते, तो कम से कम इसकी भावनाओं को समझना चाहिए और जहां तक हो सके हिंसा के पथ पर चलकर मानवता का पालन करना चाहिए।
उनकी इस साल 152वीं जयंती है। बापू की लखनऊ से जुड़ी तमाम यादें जुड़ी थी, जो आज भी यहां की सड़कों पर मौजूद है।

जब 1936 में महात्मा गांधी ने लगाया था बर्गद का पेड़।

आजादी से कुछ साल पहले 1936 में महात्मा गांधी लखनऊ आए थे। वैसे तो बापू इससे पहले भी लखनऊ कई बार आ चुके थे। लेकिन इस साल लखनऊ आकर उन्होंने कांग्रेस की पूर्व मंत्री शीला कौल से मुलाकात की थी। शीला कौल का बंगला हालांकि आज की तारीख में वीरान पड़ा है लेकिन उनके बंगले के बाहर 1936 में महात्मा गांधी द्वारा लगाया गया बरगद का पेड़ आज भी मौजूद है।

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की रिश्तेदारी में शीला कौल थीं।
गांधी जी की शख्सियत देश में सबसे ऊपर थी। पंडित जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी के संबंध एक दूसरे से अच्छे थे। शीला कौल नेहरू खानदान से ताल्लुक रखती थीं और गांधी जी व जवाहरलाल नेहरू की अच्छी दोस्ती ही उनके प्रगाढ़ संबंधों की कहानी सुुनाती है। शीला कौल नेहरू जी की रिश्तेदारी में थी। वे सामाजिक कार्यक्रता और समाज सुधारक भी थीं और यही वजह है कि उनके नेक कामों की वजह से गांधी जी उनसे मिलने आए थे व उनके बंगले के बाहर पेड़ लगाया था।

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