ब्यूरो चीफ //राहुल कुशवाहा रीवा मध्य प्रदेश…8889284934
रीवा. संजय गांधी अस्पताल में लगभग बीस साल से बंद पड़ी सात लिफ्टों को चालू कराने में डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक खर्च करने पड़ेंगे। यही नहीं लाखों खर्च करने के बाद कब तक लिफ्ट कब तक चलेगी इस बात की कोई गारंटी भी नहीं होगी। अस्पताल में लंबे समय से बंद पड़ी लिफ्ट को चालू करने के लिए अस्पताल प्रबंधन असमंजस में है। मेंटीनेंशन कंपनी के इंजीनियरों ने अस्पताल प्रबंधन से सामान्यतौर पर चर्चा के दौरान कहा है कि जितनी राशि बंद पड़ी लिफ्ट के मरम्मत में खर्च होंगे। इतने ही बजट में नई लिफ्ट चालू हो सकती है।
संजय गांधी अस्पताल के भवन निर्माण के दौरान अस्पताल के प्रथम, दूसरी, तीसरी और चौथी मंजिल तक चढऩे के लिए 11 लिफ्ट स्थापित की गईं। जिसमें सात लिफ्ट कुछ दिन चलने के बाद मेंटीनेंस में अधिक खर्च आने से बंद कर दी गईं। मरम्मत में अधिक खर्च होने पर तत्कालीन समय अस्पताल प्रबंधन ने निर्णय लिया कि मरीजों ओर स्टाफ की आश्यकतानुसार लिफ्ट का संचालन किया जाए। तत्कालीन समय में अस्पताल प्रबंधन ने चार लिफ्ट चलाने का निर्णय लिया था। तब से लाखों की लागत की बंद पड़ी सात लिफ्ट धूल फांक रही हैं। बीच में कई बार प्रयास किया गया। फिर भी चालू नहीं हो सकी ! इंजीनियरों ने बताया कि लंबे समय से बंद पड़ी लिफ्ट के उपकरण जर्जर हो गए होंगे। कई ऐसे उपकरण होंगे जिसे पूरी तरह बदला जाएगा। मरम्मत के बाद भी कितने दिन तक चलेगी। इस बात की कोई गारंटी नहीं हो सकती। कुछ दिन तक चलेगे। ऐसे में अस्पताल प्रबंधन बंद पड़ी लिफ्ट को चालू कराने को लेकर असमंजस में है। अधीक्षक डॉ शशिधर गर्ग ने बतााय कि बंद पड़ी लिफ्ट को लेकर कई बार चर्चा की गई। इसके लिए कंपनी से खर्च का संभावित ब्योरा मांगा गया है। आने के बाद कार्यकारिणी की बैठक में मंथन के बाद निर्णय लिया जाएगा।
मरम्मत के बाद स्ट्रेचर लिफ्ट समेत दो लिफ्ट चालू
बताया गया कि संजय गांधी अस्पताल में मंगलवार को लिफ्ट बनाने के लिए इंजीनियरो की टीम पहुंची। जिसमें स्ट्रेचर लिफ्ट को चालू कर दिया है। स्टाफ लिफ्ट को मिलाकर अस्पताल में दो लिफ्ट चालू हो गई हैं। जिससे कुछ मरीजों को सहूलियत मिली है। मंगलवार को भी ाअधिकर मरीजों को मेडिसिन और सर्जर वार्ड में पहुंचने लिए पसीना बहाना पड़ा। स्ट्रेचर लिफ्ट बनने के बाद दो लिफ्ट चालू होने से मरीजों को सहूलियत मिली है।