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जयराम विद्यापीठ में नियमित रुद्राभिषेक व महामृत्युंजय जाप का आयोजन।
कुरुक्षेत्र, 30 जुलाई :- देश के विभिन्न राज्यों में संचालित जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी के निर्देशानुसार ब्रह्मसरोवर के तट पर जयराम विद्यापीठ में निरंतर सावन रुद्राभिषेक व महामृत्युंजय जाप चल रहे हैं। जयराम संस्कृत महाविद्यालय के आचार्य प. राजेश प्रसाद लेखवार ने बताया कि विद्यापीठ के श्री रामेश्वर महादेव मंदिर में यजमान अभि गुप्ता, सुरेंद्र गुप्ता, रेणु, ईशा गुप्ता, आलिया व अवनी के लिए एक सप्ताह से चल रहे महामृत्युंजय मंत्र के सवा लाख जाप, महा रुद्राक्ष जाप और रुद्राभिषेक का अनुष्ठान का पूर्णाहुति के साथ समापन किया गया। इस दौरान विद्वान ब्राह्मणों द्वारा कोरोना महामारी के विनाश और जन-जन को आरोग्य का वरदान देने के लिए विशेष मंत्रोच्चारण विधियां भी की गई। आचार्य लेखवार के साथ अन्य विद्वानों द्वारा सावन का अखंड पूजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कोरोना के मुक्ति के लिए सभी देवी-देवताओं की विशेष पूजा अर्चना के लिए आह्वान किया गया। शास्त्रों और पुराणों में असाध्य रोगों से मुक्ति और अकाल मृत्यु से बचने के लिए महामृत्युंजय जप करने का विशेष उल्लेख मिलता है। महामृत्युंजय भगवान शिव को खुश करने का मंत्र है। इसके प्रभाव से इंसान मौत के मुंह में जाते-जाते बच जाता है। आचार्य लेखवार ने बताया कि मरणासन्न रोगी भी महाकाल शिव की अद्भुत कृपा से जीवन पा लेता है। बीमारी, दुर्घटना, अनिष्ट ग्रहों के प्रभावों से दूर करने, मौत को टालने और आयु बढ़ाने के लिए सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र जप करने का विधान है। महामृत्युंजय मंत्र का जप करना परम फलदायी है। विद्यापीठ में एक सप्ताह से चल रहे महामृत्युंजय मंत्र जाप व अनुष्ठान का पूर्णाहुति एवं भंडारे के साथ समापन हुआ।
जयराम विद्यापीठ में सावन के सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र जाप व अनुष्ठान के समापन पर पूर्णाहुति देते एवं पूजन करते हुए।