बिहार: रोग उन्मूलन के लिये सघन रोगी खोज अभियान का संचालन जरूरी

रोग उन्मूलन के लिये सघन रोगी खोज अभियान का संचालन जरूरी

-वर्ष 2023 तक खसरा व रूबेला रोग से देश को मुक्त कराने का है लक्ष्य
-पोलियो, खसरा व रूबेला रोगियों की खोज में स्थानीय प्रैक्टिशनर की भूमिका महत्वपूर्ण

अररिया, 23 मई ।

किसी भी रोग को पूर्णत: खत्म करने में स्थानीय स्तर पर लोगों को चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने वाले प्रैक्टिशनर की भूमिका महत्वूर्ण है। स्वास्थ्य संबंधी किसी तरह की परेशानी होने पर अधिकांश लोग सबसे पहले इन्हीं चिकित्सकों के पास पहुंचते हैं। टीबी व कालाजार जैसी बीमारी के उन्मूलन को लेकर किये जा रहे प्रयासों में लोकल प्रैक्टिशनरों की भूमिका महत्वपूर्ण साबित हुई है। इसे देखते हुए अब पोलियो, खसरा व रूबेला जैसी गंभीर संक्रामक बीमारियों के उन्मूलन को लेकर किये जा रहे प्रयासों में लोकल प्रैक्टिशनरों की सहभागिता सुनिश्चित कराने का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में अररिया प्रखंड के एचएससी मदनपुर व अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सुंदरी कुर्साकांटा में डब्ल्यूएचओ के तत्वावधान में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में स्थानीय मेडिकल प्रैक्टिशनरों ने भाग लिया।

वर्ष 2009 के बाद जिले में पोलियो का कोई मामला नहीं :

कार्यशाला में भाग लेते हुए डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ शुभान अली ने बताया कि देश में फिलहाल पोलियो का कोई मामला नहीं है। फिलहाल अफगानिस्तान व पाकिस्तान में इसके मामले मिले हैं। जिले में पोलियो का अंतिम मामला वर्ष 2009 में जोकीहाट प्रखंड के मटहरिया दक्षिण टोला वार्ड संख्या 05 में मिला था। तब से अब तक पोलियो को कोई मामला जिले में सामने नहीं आया है। बावजूद इसके दुनिया में जब तक एक भी व्यक्ति में रोग के विषाणु मौजूद हैं तो इसके प्रसार की संभावना बनी हुई है। लिहाजा इसे लेकर विशेष सतर्कता रखा जाना जरूरी है।

वर्ष 2023 खसरा व रूबेला को खत्म करने का है लक्ष्य :

डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ शुभान अली ने बताया कि देश में खसरा व रूबेला रोग को वर्ष 2023 तक पूर्णत: खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित है। इसे लेकर जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। इसे लेकर लोकल प्रैक्टिशनर को सेंसटाइज करना कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि किसी रोग को पूर्णत: खत्म करने के लिये रोगियों की खोज जरूरी है। इसमें लोकल प्रैक्टिशनर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। किसी बच्चे में रोग से जुड़े लक्षण होने पर डब्ल्यूएचओ को इसकी सूचना दी जाये। तो इसका समुचित जांच संभव है। रोग के मामले सामने आने पर नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देते हुए रोग नियंत्रण संबंधी अन्य प्रभावी उपायों पर सख्तीपूर्वक अमल सुनिश्चित कराते हुए रोग को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है। कार्यशाला में लोकल प्रैक्टिशनर को लक्षणों के आधार पर संभावित रोगियों की खोज, रिपोर्टिंग की प्रक्रिया सहित अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं से अवगत कराये जाने की बात उन्होंने कही।

Read Article

Share Post

VVNEWS वैशवारा

Leave a Reply

Please rate

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

बिहार: आप कार्यकर्ताओं की बैठक में सदस्यता अभियान चलाने का लिया निर्णय

Wed May 25 , 2022
आप कार्यकर्ताओं की बैठक में सदस्यता अभियान चलाने का लिया निर्णय, फोटो , बैठक में सदस्यता ग्रहण अररिया अररिया प्रखंड के कोसियारगांव पंचायत स्थित एकोना टोला में शनिवार को आम आदमी पार्टी की बैठक आप के जिला मीडिया प्रभारी अफरोज आलम के नेतृत्व में आयोजित की गई । बैठक में […]

You May Like

advertisement