उत्तराखंड:कटघरे में रामदेव, बयान वापस लेना का हुक्म


प्रभारी संपादक उत्तराखंड
साग़र मलिक

हरिद्वार : कोरोना इलाज में ऐलोपैथी दवाओं के इस्तेमाल को लेकर बाबा रामदेव के वायरल वीडियो के मामले में आईएमए की उत्तराखंड शाखा भी बाबा रामदेव के खिलाफ मानहानि का दावा ठोकने जा रही है। आईएमए के राज्य सचिव डॉ अजय खन्ना ने कहा कि पहले बाबा को नोटिस भेजा जा रहा है। यदि नोटिस का संतोष जनक जबाव नहीं मिला तो मानहानि का दावा भी किया जाएगा और इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी।
डॉ खन्ना ने कहा कि बाबा रामदेव का ऐलापैथी इलाज पर दिया गया बयान निदंनीय है। कोरोना काल में जब देश के सभी डॉक्टर बहुत मुश्किल हालातों का सामना करते हुए लोगों की जान जुटाने में लगे हैं। ऐसे समय में इस तरह का बयान देने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए थी।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय तत्काल इस मामले में कार्रवाई करे। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने भी बाबा रामदेव के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए एक लेटर जारी किया है जिस लेटर में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन सिंह ने लिखा है कि बाबा रामदेव एलोपैथिक दवाओं व डॉक्टरों पर आपकी टिप्पणी से देशवासी बेहद आहत हैं। लोगों की इस भावना से मैं आपको फोन पर पहले भी अवगत करा चुका हूं संपूर्ण देशवासियों के लिए कोरोना के खिलाफ दिन-रात युद्धरत डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्य कर्मी देवतुल्य हैं।

आप ने अपने वक्तव्य से न केवल को रोना योद्धाओं का निरादर किया है बल्कि देशवासियों की भावनाओं को भी गहरी ठेस पहुंचाई है कल आपने जो स्पष्टीकरण जारी किया है वह लोगों की चोटिल वाहनों पर मरहम लगाने में नाकाफी है। कोरोना महामारी के इस संकट भरे दौर में जब एलोपैथी और उससे जुड़े डॉक्टरों ने करोड़ों लोगों के नाम जीवनदान दिया है।

आपका यह कहना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि लाखों कोरोना मरीजों की मौत एलोपैथी दवा खाने से हुई है हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कोरोना महामारी के खिलाफ यह लड़ाई सामूहिक प्रयासों से ही जीती जा सकती है। इस लड़ाई में हमारे डॉक्टर नर्स हैं और दूसरे स्वास्थ्य कर्मी जिस तरह अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों को बचाने में दिन-रात जुटे हैं वह कर्तव्य और मानव सेवा के प्रति उनकी निष्ठा की अतुल्य मिसाल है।आप इस तथ्य से भी भलिभांति परिचित है कि कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में भारत सहित पूरे विश्व असंख्य डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी जान निछावर की है। ऐसे में आप के कोरोना के इलाज में एलोपैथी चिकित्सा तमाशा, बेकार और दिवालिया बताना दुर्भाग्यपूर्ण है।
एक समय ऐसा भी था जब बाबा रामदेव ने अपनी पतंजलि आयुर्वेदिक कोरोनिल दवा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन व नितिन गडकरी के हाथों लांच करवाई थी। वही बाबा रामदेव का एलोपैथी दवाओं व डॉक्टरों पर टिप्पणी को लेकर अब बाबा रामदेव की मुसीबतें बढ़ते ही जा रही है। जहां तमाम देशभर के डॉक्टर से लेकर देशवासियों में बाबा रामदेव के प्रति रोष है। वहीं अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने भी बाबा रामदेव को पत्र लिखकर नाराजगी जाहिर की है कहीं ना कहीं अब बाबा रामदेव की मुसीबत आगे बढ़ सकती है।

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