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शाहाबाद के डंगाली स्थित सीकरी फार्म में चार दिवसीय वर्मी कम्पोस्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित।
एनडीआरआई के 25 प्रशिक्षुओं ने हासिल किया प्रशिक्षण।
शाहाबाद 16 सितंबर : – डंगाली गांव स्थित सीकरी फार्म में चल रहा चार दिवसीय वर्मी कम्पोस्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम वीरवार को सम्पन्न हो गया। इस 13 से 16 सितंबर तक आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान ( एनडीआरआई ) करनाल के 25 प्रशिक्षुओं ने संस्थान के सब्जेक्ट मैटर स्पेशलिस्ट डॉ. सतीश कुमार के नेतृत्व में प्रशिक्षण प्राप्त किया। समापन समारोह में संस्था के संस्थापक करण सीकरी ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और प्रशिक्षुओं को वर्मी कम्पोस्ट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। इस दौरान प्रशिक्षुओं ने फार्म में जैविक खाद के निर्माण की प्रक्रिया को करीब से जाना।
फॉर्म के संस्थापक करण सिकरी ने कहा कि आज जैविक खाद के महत्व को समझने की बेहद आवश्यकता है, क्योंकि हमारी उपजाऊ भूमि की मृदा को पेस्टिसाइड ने काफी नुकसान पहुंचाया है। इस कारण हमारी फसलें भी जहरीली हो चुकी है और मृदा को सही स्थिति में लाने के लिए जैविक खाद ही एकमात्र उपाय है। ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में पर्यावरण को बचाए रखना बेहद जरूरी है। इसी के साथ हमारा दायित्व यह भी है कि भूमि की उर्वरता शक्ति को बचाने की दिशा में गंभीर प्रयास करें। जैविक खाद एनवायरमेंट फ्रेंडली है और आज की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारी धरती को 600 लाख मैट्रिक टन जैविक खाद की जरूरत है। जैविक खाद के रासायनिक खादों की तरह कोई साइड इफेक्ट नहीं है। उन्होंने प्रशिक्षुओं से आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक किसानों को जैविक खाद का प्रयोग करने के लिए जागरूक करें ताकि हम स्वयं और अपनी आने वाली पीढिय़ों के लिए पौस्टिक अन्न उपलब्ध करवा सकें। इस मौके पर करण सीकरी ने प्रशिक्षुओं द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब भी दिए।
इस प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षुओं ने चार दिन के प्रशिक्षण कार्यक्रम में जैविक खाद तैयार करने की बारीकियां समझीं। इस दौरान संस्था के सदस्य गौरव कुमार ने उन्हें गोबर लाने से लेकर बेड लगाने, उसमें केंचुए छोड़ने, स्प्रिंकलर लगाने, ग्रेडिंग करने, मशीन से नमी की मात्रा सेट करने और फिर पैकिंग करने तक की पूरी प्रक्रिया का प्रशिक्षण प्राप्त किया। कार्यक्रम में संस्था के सुनील, जीपी, जितेंद्र, अश्विनी के अलावा प्रशिक्षु संतराम, संदीप कुमार, जोगबीर सिंह विर्क और महिला प्रशिक्षु बाली आदि मौजूद रहे। डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि ये प्रशिक्षु यूथ फार्मर है और हरियाणा के विभिन्न जिलों से एनडीआरआई में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है।