बिहार:कालाजार उन्मूलन को लेकर समीक्षा बैठक सह कार्यशाला का आयोजन

कालाजार उन्मूलन को लेकर समीक्षा बैठक सह कार्यशाला का आयोजन

  • वर्तमान में एक ही दिन में हो सकता है कालाजार का उपचार
  • जिले में वर्तमान में 43 पेट व 18 चमड़ी के कालाजार मरीज
  • सिविल सर्जन ने खोज गतिविधि व छिड़काव दुरुस्त करने का दिया निर्देश

कटिहार

जिले में आज कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के तहत इंटेंसिफाइड एक्शन प्लान-2021 के लिए समीक्षा बैठक सह कार्यशाला का आयोजन सदर अस्पताल सभागार में किया गया। आयोजित कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ. डी. एन. पांडेय, एसीएमओ डॉ. कनक रंजन, वीबीडीसीओ डॉ. जे.पी. सिंह, डीआईओ डॉ. डी. एन. झा, डीपीएम डॉ. किसलय कुमार, डॉ. प्रेम रंजन के साथ डब्ल्यूएचओ जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ. दिलीप, एसएमओ डॉ. सुभान अली, सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, भीडीसीओ एन. के. मिश्रा कंसलटेंट जे.पी. महतो, सभी के.टी.एस., केयर इंडिया के सभी प्रखंड समन्यवक के साथ कालाजार उपचार में संलग्न जिले के सभी कर्मचारी व नर्सों ने भाग लिया।

वर्तमान में एक ही दिन में हो सकता है कालाजार का उपचार :
आयोजित कार्यशाला में बताया गया कि वर्तमान समय में कालाजार बीमारी का उपचार एक ही दिन में डब्ल्यूएचओ द्वारा उपलब्ध कराए गए दवा से हो सकता है। पेट के कालाजार(भीएल) से संक्रमित मरीजों के लिए ‘अम्बिसोन’ नामक दवा जबकि चमड़ी के कालाजार(पीकेडीएल) संक्रमित मरीजों के लिए ‘मल्टीफोसिन’ नामक दवा दी जाती है। यह दवा कटिहार जिले के सदर अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मनिहारी व कोढ़ा में उपलब्ध है। कालाजार संक्रमित मरीज कभी भी उक्त अस्पताल में जाकर इस दवा को लेकर अपना इलाज आसानी से कर सकते हैं। इलाज के बाद सरकार द्वारा कालाजार के मरीजों को क्षतिपूर्ति के रूप में 7800 रुपये पेट के कालाजार मरीजों को जबकि 4000 रुपये चमड़ी के कालाजार मरीजों को सहयोग के रूप में दी जाती है।

जिले में वर्तमान में 43 पेट व 18 चमड़ी के कालाजार मरीज :
आयोजित समीक्षा बैठक में बताया गया कि 2017 से जबतक जिले में कोई भी प्रखंड कालाजार से बिना प्रभावित नहीं रह सका है। वर्तमान में भी जिले में 43 पेट के कालाजार संक्रमित मरीज एवं 18 चमड़ी के कालाजार संक्रमित मरीज पाए गए हैं। जिले में मनिहारी, कोढ़ा, बरारी, फलका व प्राणपुर में सबसे ज्यादा कालाजार से संक्रमित मरीज पाए गए हैं। समीक्षा बैठक में सिविल सर्जन डॉ. डी. एन. पांडेय ने इन प्रखंडों में कालाजार रोगी खोज गतिविधियों को बढ़ाने के साथ ही इसकी रोकथाम के लिए छिड़काव अभियान दुरुस्त करने, इलाज कराने और स्थानीय आशा कार्यकर्ताओं द्वारा लोगों को कालाजार के लिए जागरूक करने का निर्देश दिया है। कार्यक्रम में सभी स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा संकल्प लिया गया है कि आगामी दिनों में जिले में कालाजार मरीजों की संख्या में कमी लाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे जिससे कि कटिहार जिले से कालाजार का उन्मूलन हमेशा-हमेशा के लिए हो सके।

संक्रमित बालू मक्खी के काटने से होता है कालाजार :
जानकारी हो कि संक्रमित बालू मक्खी के काटने से किसी भी उम्र के व्यक्ति को कालाजार की समस्या हो सकती है। इसके प्रमुख लक्षणों में पेट दर्द, बुखार, भूख न लगना, खून की कमी, ज्यादा पसीना होना, त्वचा का रंग गहरा होना, मक्खी के काटे हुए जगह पर घाव होना आदि होता है। ऐसे लक्षणों के होने से लोगों को नजदीकी अस्पताल में अपनी जांच करवानी चाहिए। जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर व्यक्ति को अस्पताल से आवश्यक मेडिसिन दी जाती है जिससे कालाजार का उन्मूलन हो सकता है।

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