प्रेस नोट
आजमगढ़ 25 मार्च– जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी ने बताया कि पोषण अभियान का शुभारम्भ मा0प्रधानमंत्री जी द्वारा बच्चों और महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार के लक्ष्य हेतु किया गया है। पोषण अभियान के प्रभावी कार्यान्वयन के लिये जन-आन्दोलन और सामुदायिक प्रोत्साहन आवश्यक है। इसी लक्ष्य की प्राप्ति हेतु प्रत्येक वर्ष बच्चों, किशोरियों एवं महिलाओं में पोषण स्तर में सुधार के उद्देश्य हेतु माह मार्च में “पोषण पखवाड़ा“ मनाया जाता है, जिसका आयोजन सम्बन्धित विभागों के कन्वर्जेन्स से किया जाता है। पोषण सम्बन्धी जन-आन्दोलन को गति बनाये रखने हेतु इस वर्ष भी दिनांक 21 मार्च 2022 से 04 अप्रैल 2022 तक पोषण पखवाड़ा आयोजित किया जा रहा है, जिसमें स्वस्थ बच्चे की पहचान व उत्सव आयोजन एवं स्वस्थ भारत के लिये आधुनिक और पारम्परिक प्रथाओं के एकीकरण पर केन्द्रित गतिविधियों पर विशेष महत्व दिया जा रहा है।
उन्होने बताया कि कार्यक्रम के प्रथम सप्ताह 21 मार्च 2022 से 27 मार्च 2022 तक, में 0 से 6 वर्ष तक के समस्त बच्चों का वजन तथा लम्बाई/ऊँचाई लेकर उनके पोषण श्रेणी का वर्गीकरण (लाल/पीली/हरी श्रेणी के बच्चों तथा सैम/मैम बच्चों का चिन्हीकरण) एवं कार्यक्रम के द्वितीय सप्ताह 28 मार्च 2022 से 04 अप्रैल 2022 तक, में लैंगिक संवेदनशीलता, जल प्रबन्धन, एनीमिया प्रबन्धन व रोकथाम तथा विशेष जनजातीय क्षेत्रों में महिलाओं व बच्चों के लिये पारम्परिक भोजन को बढ़ावा दिया जायेगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि प्रथम सप्ताह (21 मार्च 2022 से 27 मार्च 2022) में इस कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद के प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र, पंचायत, स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर विशेष कैम्प का आयोजन करते हुए 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों का वजन तथा लम्बाई/ऊँचाई लिया जायेगा तथा लाल/पीली/हरी श्रेणी के बच्चों तथा सैम/मैम बच्चों को चिन्हित किया जायेगा। कार्यक्रम का उद्देश्य 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाना। स्वस्थ बच्चे पर कुपोषित बच्चे की तुलना में ज्यादा ध्यान देना। समुदाय का बच्चे के स्वास्थ्य एवं पोषण को भावनात्मक स्तर से जोड़ना तथा समुदाय को स्वास्थ्य एवं पोषण के बारे में जागरूक करना। बाल विकास विभाग की सेवायें प्राप्त करने वाले बच्चों की संख्या में वृद्धि करना। बच्चों की वृद्धि एवं विकास की निरन्तर निगरानी करते हुए समय से कुपोषण की पहचान करना तथा समयान्तर्गत हस्तक्षेप करते हुए कुपोषण को दूर भगाना। 0-6 वर्ष तक के बच्चों का लम्बाई/ऊँचाई की माप लेते हुए उनमें व्याप्त कुपोषण (नाटापन, दुबलापन एवं कम वजन) की पहचान करते हुए डाटाबेस तैयार करना तथा समयान्तर्गत उपचार हेतु सम्बन्धित विभागों को सन्दर्भित करना है।
जिलाधिकारी ने कन्वर्जेन्स विभागों को पूर्व तैयारी हेतु निर्देश दिये कि सामुदायिक सहभागिता को सुनिश्चित करने के लिये जिला सूचना अधिकारी द्वारा इसे समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जायेगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ग्रोथ मानीटरिंग डिवाइस की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी। उपायुक्त स्वतः रोजगार द्वारा इस कार्यक्रम को सफल बनाने/सामुदायिक सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु स्वयं सहायता समूह के दायित्व का निर्धारण किया जायेगा।
उन्होने बताया कि द्वितीय सप्ताह (28 मार्च 2022 से 04 अप्रैल 2022) में कार्यक्रम के अन्तर्गत थीम-1 लिंग संवेदीकरण जल प्रबंधन विषय पर दिनांक 28 मार्च 2022 को जल संरक्षण में महिलाओं की भूमिका प्रदर्शित की जायेगी, जिसमें पंचायत स्तर पर समुदाय आधारित जागरूकता, प्रचार प्रसार द्वारा जागरूकता, ग्राम्य विकास व पंचायती राज द्वारा पंचायत व ग्राम स्तर पर संवेदीकरण कार्य तथा 29 मार्च को जल संरक्षण की महत्ता पर महिलाओं में जागरूकता पैदा की जायेगी। जिसमें आंगनबाड़ी केन्द्रों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली विकसित करने हेतु सहयोगी विभाग द्वारा वेबिनार्स, जल संरक्षण की महत्ता पर महिलाओं की भूमिका पर गैर सरकारी संगठनों द्वारा समुदाय आधारित गतिविधियां पंचायत स्तर पर, वर्षा जल संचयन पर जागरूकता वेबिनार्स का आयोजन पंचायत स्तर पर, वर्षा जल संचयन मॉडल में सर्वश्रेष्ठ पुरस्कृत किया जायेगा। थीम-2 के अन्तर्गत दिनांक 30 मार्च को किशोरी बालिकाओं तथा गर्भवती/धात्री माताओं में एनीमिया से बचाव व उपचार किया जायेगा। दिनांक 31 मार्च को स्कूली बच्चों में एनीमिया की रोकथाम व उपचार किया जायेगा। दिनांक 01 अप्रैल को एनीमिया के बचाव व प्रबन्धन पर आयुष, थीम-3 के अन्तर्गत दिनांक 02 व 03 अप्रैल 2022 को क्षेत्रीय व पारम्परिक भोज्य पदार्थां के सेवन को बढ़ावा दिया जायेगा एवं रेसिपी प्रतियोगिता का बढ़ावा दिया जायेगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि पोषण पखवाड़ा के दौरान अन्य गतिविधियां जैसे- समुदाय आधारित गतिविधियां, साईकिल रैली, प्रभात फेरी, स्वयं सहायता समूह की बैठक, हट बाजार, गृह भ्रमण, स्थानीय प्रतिनिधि की बैठक, नुक्कड़ नाटक, लोक प्रस्तुति, पोषण वर्कशाप, ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता पोषण दिवस, युवा समूह बैठक, स्तनपान, अनुपूरक भोजन, पोषण के पंचसूत्र (प्रथम 1000 दिन, हैण्डवाश, पौष्टिक आहार, डायरिया, एनीमिया) योगा, टीकाकरण आदि का भी आयोजन किया जा सकता है।
जिलाधिकारी ने सभी नोडल विभागों, सहयोगी विभागों को निर्देशित किया है कि उपरोक्त कैलेण्डर के अनुसार कार्यक्रम आंगनबाड़ी केन्द्रों, पंचायत स्थलों, स्कूलों, विकासखण्ड एवं जनपद मुख्यालय पर आयोजन कराते हुए सूचना व फोटोग्राफ भारत सरकार के पोर्टल poshanabhiyaan.gov.in पर दैनिक रूप से अपलोड कराना सुनिश्चित करें।