फारबिसगंज (अररिया) संवाददाता
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, गृह मंत्रालय, भारत सरकार एवं बिहार की सबसे बड़ी प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी टीचर्स ऑफ बिहार के संयुक्त तत्वाधान में विगत दिनों जूम एप के माध्यम से तीन दिवसीय “ऑनलाइन प्रोसेस ओरिएंटेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम ऑन चाइल्ड सेंट्रिक डिजास्टर रिस्क रिडक्शन” कोर्स का आयोजन किया गया। यह आयोजन पूर्णतः नि:शुल्क एवं ऑनलाइन मोड में था। इसमें राज्य से विभिन्न जिले के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत 1200 से भी अधिक शिक्षक/शिक्षिकाओं ने एनआईडीएम के वेबसाइट पर पंजीकृत होकर ऑनलाइन प्रशिक्षण में भाग लिया। यह प्रशिक्षण खासकर सरकारी विद्यालयों में संचालित मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम अंतर्गत विद्यालय प्रधान के द्वारा नामित फोकल शिक्षकों के लिए विशेष रूप से अत्यंत लाभकारी रहा। प्रशिक्षण में लगातार तीन दिवस तक शामिल होने वाले प्रशिक्षुओं में से कम से कम 80% उपस्थिति वाले प्रशिक्षुओं को ही एनआईडीएम के द्वारा सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा। तीन दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल संचालन में संरक्षक के रूप में स्वास्थ्य विभाग बिहार सरकार के विशेष सचिव संजय कुमार सिंह एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, गृह मंत्रालय भारत सरकार के कार्यकारी निदेशक मेजर जेनरल एमके बिंदल, पर्यवेक्षक के रूप में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, गृह मंत्रालय भारत सरकार के व्याख्याता एवं विभागाध्यक्ष संतोष कुमार, मार्गदर्शक के रूप में शोध एवं प्रशिक्षण, बिहार सरकार के निदेशक विनोदानंद झा एवं बिहार शिक्षा परियोजना परिषद, पटना के सहायक राज्य परियोजना निदेशक रवि शंकर सिंह, अतिथि वक्ता के रूप में एससीईआरटी, पटना के विज्ञान विषय के विभागाध्यक्ष डॉ. रश्मि प्रभा एवं बिहार शिक्षा परियोजना परिषद, पटना के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी नीरज कुमार, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के परियोजना पदाधिकारी सह समन्वयक एमएसएसपी डॉ. पल्लव एवं यूनिसेफ बिहार के विनय कुमार, समन्वयक के रूप में टीचर्स ऑफ बिहार के फाउंडर शिव कुमार एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के जेआरओ सीसीडीआरआर सेंटर डॉल्फी रमन एवं मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के जेआरओ सीसीडीआरआर सेंटर डॉ. वाटिका एवं डॉ. बालू शामिल हुए।
उक्त जानकारी टीचर्स ऑफ बिहार के प्रवक्ता रंजेश कुमार ने दी।