आत्मा की ज्योति को जगाना और ज्ञान का प्रकाश फैलाना हमारा लक्ष्य : सरोज बहन

ब्रह्माकुमारीज: विश्व शांति धाम कुरुक्षेत्र सेवा केंद्र में हर्षोल्लास से मनाई दीपावली।
कुरुक्षेत्र,वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक 21 अक्टूबर : ब्रह्माकुमारीज: विश्व शांति धाम कुरुक्षेत्र सेवा केंद्र में दीपावली का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। केंद्र प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सरोज बहन ने कहा कि दीपावली खुशियों का त्यौहार है, जिसमें आत्मा की ज्योति को जगाना और ज्ञान का प्रकाश फैलाना हमारा लक्ष्य है। परमपिता परमात्मा हमें ज्ञान धन देते हैं और हम उनके स्वरूप लक्ष्मी और महालक्ष्मी को पूजन करते हैं। उन्होंने कहा कि परमपिता परमात्मा, विश्व की बादशाही दिव्य गुणों के रूप में देने आए हैं। हमारा लक्ष्य लक्ष्मी जी का आह्वान करने के लिए, दिव्य गुणों का आह्वान जीवन में करते रहना है। उन्होंने मन के व्यर्थ विचारों को समाप्त कर शुभ संकल्पों के दीप जलाने का संदेश दिया। ब्रह्माकुमारी लता बहन ने पांच दिवसीय चलने वाले दीपावली पर्व का आध्यात्मिक रहस्य स्पष्ट करते हुए कहा कि दीपावली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। यह पर्व अपने साथ पांच त्योहारों को लेकर आता है। पहले दिन धनतेरस, दूसरे दिन नरक चतुर्दशी, तीसरे दिन दीपावली, चौथे दिन गोवर्धन पूजा और पांचवें दिन भैया दूज का पर्व मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि काम, क्रोध, मोह, लोभ, अहंकार यह पांच विकार नरकासुर है। दीपावली के दिन धन की देवी लक्ष्मी की अकेले पूजा नहीं की जाती, बल्कि बुद्धि के देवता गणेश जी की भी आराधना की जाती है। हमें धन को कहां प्रयोग करना है, इसकी समझ के लिए बुद्धि चाहिए। उन्होंने बताया कि दीपावली पर घरों की सफाई करते हैं, व्यापारी लोग नया खाता शुरू करते हैं। इसके पीछे सुंदर आध्यात्मिक रहस्य छिपा है। साफ सफाई करने का अर्थ है -मन, वचन, कर्म की पवित्रता, नया खाता शुरू करने का अर्थ-अपने पुराने विकारों को समाप्त करना अर्थात पुरानी बातों को खत्म कर जीवन में दिव्य गुणों को धारण करना, दीप जलाने का अर्थ-परम ज्योति पिता परमात्मा शिव से ज्ञान प्रकाश लेना है। उन्होंने बताया कि दीपावली के दिन मुख मीठा करना अर्थात मधुरता का गुण अपनाना, एक दूसरे को गिफ्ट देने का अर्थ है-शुभकामना, शुभ भावना का गिफ्ट बांटना। इस अवसर पर मुकेश, निशा, गौरव, ईश्वर सिंह, कनिष्क, पार्थ, गोरी, राजकुमार आदि ने लघु नाटिका द्वारा दीपावली का संदेश दिया कि आज का मानव धन के नाम से लक्ष्मी की पूजा करते हैं और फिर धन प्राप्त होने के पश्चात वे पाप कर्म करते हैं, फलस्वरुप फिर उनके जीवन में कई प्रकार के विघ्न पड़ते हैं। फिर वे गणेश जी से निर्विघ्न बनने की प्रार्थना करते हैं। यह भी संदेश दिया गया कि देवी गुणों का जीवन में आह्वान करने से धनवान और सुखी बनते हैं। जीवन पवित्र और शांत रहता है। हमारे जीवन से औरों को सुख और दुआएं मिलती है। कार्यक्रम के समापन पर सभी बहन-भाइयों ने मोमबत्तियां जला कर आंतरिक ज्योति को जगाने और खुशियों से जीवन को रोशन करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर सर्व बी.के. राधा, सुदर्शन, पुष्पा, राज, नीरू, मधु, मीनाक्षी, सिमरन, पूजा, आरती, पूनम, नेहा, संतोष, नीलम, रेनू के साथ सर्व बी.के. हेमराज, राम अवतार, विनोद शर्मा, रघुवीर सिंह, कृष्ण, जगदीश आदि अनेक बहन -भाई मौजूद रहे।




