राष्ट्रपति ने भारत रत्न डाॅ0 भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं
सांस्कृतिक केन्द्र, लखनऊ का शिलान्यास किया
बाबा साहब डाॅ0 भीमराव आंबेडकर के जीवन मूल्यों और आदर्शाें के अनुरूप
समाज एवं राष्ट्र का निर्माण करने में ही हमारी वास्तविक सफलता: राष्ट्रपति
बाबा साहब के स्मारक के रूप में सांस्कृतिक केन्द्र का
निर्माण करने की उत्तर प्रदेश सरकार की पहल सराहनीय
‘भवतु सब्ब मंगलम’ का अर्थ है ‘सबकी भलाई’, बाबा साहब तर्क दिया
करते थे कि लोकतंत्र में सरकारों का दायित्व है कि सबकी भलाई के लिए
कार्य करें, वर्तमान सरकार भवतु सब्ब मंगलम के मूलभाव को साकार कर रही है
लखनऊ शहर से बाबा साहब डाॅ0 आंबेडकर का खास सम्बन्ध,
जिसके कारण लखनऊ को बाबा साहब की ‘स्नेह भूमि’ भी कहा जाता है
बाबा साहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के बहुआयामी व्यक्तित्व और राष्ट्र-निर्माण में
उनके बहुमूल्य योगदान से उनकी असाधारण क्षमता व योग्यता का परिचय मिलता
बाबा साहब के ‘विजन’ में चार सबसे महत्वपूर्ण बातें, नैतिकता,
समता, आत्मसम्मान और भारतीयता रही, इन चारों बातों में आदर्शों तथा
जीवन मूल्यों की झलक बाबा साहब के चिंतन एवं कार्यों में दिखाई देती है
बाबा साहब की सांस्कृतिक सोच मूलतः समता और समरसता पर आधारित थी
बाबा साहब के चिंतन में भगवान बुद्ध के विचार छाए होते थे, उन्होंने भगवान
बुद्ध के करुणा और सौहार्द के संदेश को अपने जीवन व राजनीति का आधार बनाया
बाबा साहब आधुनिक भारत के निर्माण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका के पक्षधर थे
बाबा साहब द्वारा गढ़े गये संविधान से मिले कवच से
देश के सभी लोग खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं: राज्यपाल
बाबा साहब डाॅ0 भीमराव आंबेडकर को संविधान के
शिल्पी के रूप में स्मरण किया जाता है: मुख्यमंत्री
93 वर्ष पूर्व वर्ष 1928 में आज ही के दिन बाबा साहब द्वारा
‘समता’ नामक साप्ताहिक समाचार पत्र का