देव गुरु बृहस्पति जन्मकुण्डली के अधिकांश दोषों को समाप्त करने में सक्षम है: पण्डित श्री राम शर्मा।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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शुद्ध सात्विक आहार का सेवन व देव गुरु बृहस्पति का उपासक जन्मकुण्डली के अधिकांश दोषों से मुक्त रहता है : पण्डित श्रीराम शर्मा।
कुरुक्षेत्र :- श्री राम ज्योतिष केन्द्र स्नेहित सरोवर कुरुक्षेत्र के संचालक पण्डित श्री राम शर्मा ज्योतिषाचार्य ने जन्मकुण्डली में देव गुरु बृहस्पति ग्रह के विषय मे जानकारी देते हुए बताया कि जन्मकुण्डली में बृहस्पति केन्द्र में अपने घर का हो या उच्च का केन्द्र में हो तो यह सभी दोषों को समाप्त कर देता है और जातक को अच्छे फल प्रदान करता है।
पण्डित जी ने बताया कि आज अधिकांश पुत्र एवं पुत्री की जन्मकुण्डली का मिलान करते समय कई प्रकार की शंकाय उत्पन्न हो जाती है पण्डित जी ने बताया कि लड़के की उम्र 27 वर्ष से ऊपर हो और गुण मिलान भी 21 ऊपर हो, 27 या अधिक तो अति उत्तम एवं राशि मित्रता हो और साथ मे मुख्य भकुट दोष व नाडी दोष ना हो तो विवाह में कोई बाधा नही आती। ऐसे केसों में बिना देरी किये किसी प्रकार का कोई भी संदेह ना करके सही समय पर गृहस्थ बंधन में बंध जाना चाहिए।
पण्डित जी ने बताया कि विवाह उपरांत दोनों में एक दूसरे के प्रति सम्मान त्याग की भावना ही गृहस्थ जीवन को सुखी बनाती है।
पण्डित जी ने बताया कि जहाँ तक बात है जीवन मे आने वाले कष्टों की वो तो स्यवं देवताओं की कुण्डली में भी देखने को मिलती है।
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