सावन अधिक मास के शनिवार को विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ हुआ पार्थिव शिवलिंग पूजन एवं अभिषेक।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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शनिदेव भगवान शिव के हैं भक्त, शनिदेव ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की थी : महंत जगन्नाथ पुरी।
कुरुक्षेत्र, 5 अगस्त : शनिवार को भगवान शिव के परम भक्त ऋषि मार्कंडेय की तपस्थली मारकंडा नदी तट पर स्थित श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां जी में संत महापुरुषों के साथ अखिल भारतीय श्री मार्कंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी द्वारा सावन अधिक मास का पार्थिव शिवलिंग पूजन एवं अभिषेक किया गया।
शनिवार के सावन अधिक मास पूजन में यजमान रवि कुमार बालापुर, लीला राम, सोनू भगत पंडित, रमेश, नेहा, देव कौर व स्वामी पृथ्वी पुरी इत्यादि शामिल हुए और पार्थिव शिवलिंग अभिषेक किया।
महंत जगन्नाथ पुरी ने शनिवार के दिन सावन अधिक मास पार्थिव शिवलिंग पूजन का महत्व बताया कि यह दिन भगवान शनिदेव को समर्पित होता है। माना जाता है कि शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करने पर शनि समेत कई ग्रहों के दोष खत्म हो जाते हैं। सावन में भगवान शिव और शनिदेव दोनों की पूजा करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सावन में पड़ने वाले शनिवार को श्रद्धालुओं की पूजा महत्वपूर्ण मानी जाती है।
महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि सावन में शनिदेव की पूजा, दान और स्नान करने से शनिदेव के साथ भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं। शनिदेव ने स्वयं भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की थी तब भगवान शिव ने उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर शनिदेव को सभी ग्रहों में न्यायाधीश की उपाधि दी थी। शास्त्रों में शनि की दृष्टि से न ही देवता बच पाएं और न ही मनुष्य। इस मौके पर डा. दीपक गुप्ता, स्वामी संतोषानंद,विजय कुमार, भाना सिंह, दलबीर सिंह, सुक्खा सिंह, नाजर सिंह, मीनाक्षी, सरोज एवं रितिका इत्यादि भी शामिल हुए।
पार्थिव शिवलिंग पर रुद्राभिषेक एवं पूजन करते हुए शिव भक्त।