वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
महिलाएं भारतीय आहार को खान-पान में करें शामिल : डॉ. जे. के पंडा।
कुरुक्षेत्र : श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के प्रसूति तंत्र एवं स्त्री रोग विभाग द्वारा शुक्रवार को धुराला राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पॉलीसिस्टिक ओवेरियन रोग (पीसीओडी) कैंप का आयोजन किया गया। जिसमें छात्राओं को पीसीओडी के लक्षण, कारण और उपचार की जानकारी विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा दी गई। कैंप का शुभारंभ भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डीन एकेडमिक अफेयर्स डॉ. जे.के पंडा और विशिष्ठ अतिथि के रूप में स्कूल प्राचार्य निशा उपस्थिति रही। इस अवसर पर डॉ. जे.के पंडा ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि पीसीओडी महिलाओं में पुरुष हार्मोन की अधिकता के कारण होने वाले विकार है, जिसमें अनियमित माहवारी, पीरियड न आना, दर्द भरा एवं लंबा मासिक धर्म, चेहरे पर अनचाहे बाल, मुंहासे और संतान प्राप्ति में कठिनाई है। अगर संतुलित आहार-विहार का ख्याल रखा जाए तो पीसीओडी की समस्या से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपने खानपान में भारतीय आहार को शामिल करना चाहिए। इसके साथ फैक्ट्री उत्पाद व जंक फूड से परहेज करेंगे तो लंबे समय तक स्वास्थ्य को बरकरार रख सकेंगे। महिलाएं शारीरिक और मानसिक रूप से भी सुदृढ बनेंगी। प्रसूती तंत्र एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनिति तंवर ने छात्राओं के स्वास्थ्य की जांच की और खुद को स्वस्थ रखने के तरीके बताए। उन्होंने कहा कि पीसीओडी महिलाओं में होने वाली आम समस्या है, ज्यादातर 18 से 35 वर्ष की महिला पीसीओडी के चलते शारीरिक और मानसिक दोनों ही तरीकों से प्रभावित होती है। हर महिला में पीसीओडी के लक्षण अलग-अलग होते है। इसलिए पीसीओडी के लक्षण नजर आते ही महिलाओं को विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और तुरंत इलाज कराएं। इस अवसर पर स्कूल स्टाफ सहित रमेश शास्त्री, राजेद्र और पीजी स्कॉलर मौजूद रहे।