लोग कहते हैं खाली हाथ आये हो व खाली हाथ जाओगे,ऐसा नहीं है, लोग भाग्य लेकर आते हैं और कर्म लेकर जाते हैं : महंत राजेंद्र पुरी।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र, 27 दिसम्बर : जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी ने धर्म प्रचार के कार्यक्रम के अंतर्गत सत्संग में ग्रामीणों को कहा कि मानव जीवन बार-बार नही मिलता है। अपितु मानव जीवन तो परमात्मा की ऐसी सर्वश्रेष्ठ रचना है जिसे पाकर इंसान सोचने, बोलने और कर्म करने की शक्ति लेकर पैदा होता है। उन्होंने कहा कि आम जन की ये धारणा कि खाली आए थे और खाली हाथ जायेंगे सत्य नही है। महंत ने कहा कि इंसान अपना भाग्य लेकर आता है और अपने द्वारा किए कर्म साथ लेकर जाता है। इंसान का जीवन उसके कर्मों के आधार पर टिका हुआ है। आज के आधुनिक युग में हमारे पास सबसे पहले तो रिश्ते नातों के लिए अपने परिवार के लिए समय नहीं है। प्राचीन समय के तरह चार लोग बैठकर परिवार, रिश्तेदार व बच्चों के भविष्य के बारे कोई विचार विमर्श नहीं कर सकते हैं। एक कमरे में बैठे चार लोग अपने अपने हाथों में आधुनिकीकरण की देन मोबाइल की धुन में बिना कोई बातचीत किए घंटो बिता सकते हैं। हमारे समाज के अनेक रिश्ते जैसे चाचा-चाची, बुआ-फूफा, मौसा-मौसी, ताऊ इत्यादि समाप्त होते जा रहे हैं। आज की पीढ़ी को न रिश्तों की जानकारी और न ही इन के महत्व का पता है। यह सब हमारे कर्मों का हिस्सा है। जीवन में प्यार और अपनेपन की जगह स्वार्थ और व्यापार ने ले ली। महंत ने लोगों को समझाते हुए कहा कि हमें अपने कर्मों का सुधार करना चाहिए। धीरे-धीरे अपने बच्चों को धर्म के साथ-साथ रिश्ते नाते, परिवार के बारे समझना चाहिए। अपने धर्म, हिंदू रीति रिवाज के बारे बताना चाहिए। भारत देश अपनी संस्कृति और सभ्यता के लिए जाना जाता रहा है, जिसे हम भूलते जा रहे हैं। जिस वजह से देश में मानवता में अकेलापन बढ़ता जा रहा है। टेंशन, माइग्रेन, दिमागी बीमारी, हार्ट अटैक बढ़ रहे हैं। हमें अपने देश की सभ्यता और हमारे संस्कारों को दोबारा अपनाना पड़ेगा। कर्म शक्ति बढ़ाने पर ध्यान देना होगा। महंत राजेंद्र पुरी ने लोगों को संदेश देते हुए कहा कि इस नववर्ष पर हम सब को मिलकर संकल्प लेना होगा कि हम कर्म शक्ति पर ध्यान देंगे और एक प्राचीन भारत का अनुसरण करते हुए अपनी सभ्यता और संस्कृति को अपनाने की राह पर चलना है। जग ज्योति दरबार के प्रवक्ता राजकुमार पांचाल ने जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम का आयोजन खजुरी गांव से प्रवीण पाल, जसविंदर पाल, रविंद्र पाल, नरेश पाल, मुंदर पाल, साहिल और राजपाल आदि ने किया।
सत्संग के उपरांत ग्रामीण श्रद्धालुओं के साथ महंत राजेंद्र पुरी