उत्तराखंड: शंकराचार्य के बहाने पीएम मोदी ने यूपी-उत्तराखंड को दिया ये संदेश…

केदारनाथ/चमोली : प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने केदारनाथ से यूपी-उत्‍तराखंड को संदेश भी दिया। उन्‍होंने उत्‍तराखंड में भाजपा सरकार द्वारा किए गए कामों, टीकाकरण आदि का उल्‍लेख किया तो केदारनाथ धाम की तरह यूपी के तीर्थस्‍थलों में किए जा रहे विकास कार्यों का उल्‍लेख किया। प्रधानमंत्री ने अयोध्‍या, काशी, मथुरा के साथ कुशीनगर और बुद्ध सर्किट से जुड़े तमाम धार्मिक स्‍थलों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत पुनर्निर्माण की ओर बढ चला है। समय के दायरे में बंधकर भयभीत होकर रहना अब भारत को मंजूर नहीं कहकर उन्‍होंने सीमा के इस पार से उस पार तक एक साथ संदेश देने की कोशिश की।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री का केदारनाथ दौरा उस वक्‍त हुआ है जब यूपी, उत्‍त्‍राखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में चुनावी बयार पूरे जोरशोर से बह रही है। उम्‍मीद की जा रही थी कि प्रधानमंत्री के संबोधन में सियासी बातें भी होंगी लेकिन पीएम मोदी ने अपने भाषण का थोड़ा सा ही हिस्‍सा सियासत पर खर्च पर किया। उनके संबोधन का बड़ा हिस्‍सा सिर्फ 32 वर्ष के जीवन काल में सनातन धर्म को ओजस्वी शक्ति प्रदान करने वाले आदिगुरु शंकराचार्य, आध्‍यात्‍म, दर्शन और भारतीय तीर्थस्‍थलों के महात्‍म्‍य से दुनिया भर के पर्यटकों को जोड़ने की सरकार की कोशिशों पर केंद्रित रहा। लेकिन भाषण के अंत में पीएम मोदी ने शंकराचार्य के बहाने यूपी और उत्‍तराखंड को कई संदेश दिए। पीएम मोदी ने कहा कि आज अयोध्‍या, काशी, मथुरा, केदारानाथधाम, बौद्ध सर्किट सहित तमाम तीर्थस्‍थलों का विकास इसलिए हो पा रहा क्‍योंकि देश में आदिगुरु शंकराचार्य के दिखाये रास्‍ते पर चलने वाली सरकार है। उन्‍होंने कहा कि आज चारों धाम हाईवे से जुड़ रहे हैं। भविष्य में श्रद्धालु केदारनाथ धाम में कार से आ सके इसकी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। ऋषिकेश और कर्णप्रयाग को रेल मार्ग से जोड़ा जा रहा है। इससे उत्तराखंड में पर्यटन को लाभ मिलने वाला है। आने वाला दशक उत्‍तराखंड का है। यहां पलायन रुकेगा, रोजगार और स्‍वाभिमान से जीने का अवसर मिलेगा।

पीएम ने राममंदिर निर्माण और अयोध्‍या का खास तौर पर उल्‍लेख करते हुए कहा कि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर पूरे गौरव के साथ बन रहा है। अयोध्या को उसका गौरव सदियों के बाद वापस मिल रहा है। दो दिन पहले अयोध्या में दीपोत्सव आयोजन को पूरी दुनिया ने देखा। भारत का प्रचीन सांस्कृतिक स्वरूप कैसा रहा होगा आज हम उसकी कल्पना कर सकते हैं। भगवान राम से जुड़े जितने भी तीर्थ स्थान है उनको जोड़कर पूरा सर्किट बनाने का काम चल रहा है। उत्तर प्रदेश में काशी का भी कायाकल्प हो रहा है। विश्वनाथ धाम का कार्य भी तेजी से हो रहा है। 2013 की केदारनाथ त्रासदी में बह गई आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि के पुनर्निमाण में लगे श्रमिकों की मेहनत की उन्‍होंने जमकर तारीफ की। पीएम ने कहा कि श्री आदि शंकराचार्य ने पवित्र मठों के साथ चार धामों की भी स्थापना की। उन्होंने सब कुछ त्याग कर देश, समाज और मानवता के लिए जीने वालों के लिए एक सशक्त परंपरा खड़ी की। कई साल पहले केदारनाथ धाम में त्रासदी आई थी। मैंने अपनी आंखों से उस तबाही को देखा था। लोग सोचते थे कि हमारा केदारनाथ धाम फिर से उठ खड़ा होगा क्य़ा? लेकिन मेरे अंदर की आवाज़ कह रही थी कि केदारनाथ धाम पहले से अधिक आन, बान और शान के साथ खड़ा होगा। आज आप श्री आदि शंकराचार्य जी की समाधि की पुन स्थापना के साक्षी बन रहे हैं। यह भारत की आध्यात्मिक समृद्धि और व्यापकता का बहतु अलौकिक दृश्य है। हमारा देश तो इतना विशाल है, इतनी महान ऋषि परंपरा है। एक से बढ़कर एक तपस्वी आज भी भारत के हर कोने में आध्यात्मिक चेतना को जगाते रहते हैं।

इस मौके पर सीएम पुष्‍कर सिंह धामी ने भी तीर्थस्‍थलों और पर्यटन सुविधाओं के विकास में उत्‍तराखंड सरकार की उपलब्धियों का खासतौर पर जिक्र किया। उन्‍होंने कहा कि 5 सालों में केदारनाथ में सैकड़ों रुपए के कार्य हुए। बद्रीनाथ धाम के लिए 245 करोड़ रुपए की धनराशि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा स्वीकृत हुए है। गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए भी करोड़ों रुपए के कार्य स्वीकृत हो गए हैं।

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साग़र मलिक उतराखंड प्रभारी(वी वी न्यूज़)

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