रुड़की
, शमशान पर सियासत
भगवानपुर क्षेत्र क गाँव गांजा मजरा में श्मशान पर सियासत हो रही है। जद्दोजहद के बाद श्मशान घाट के लिए जगह तो मिली लेकिन उसपर निर्माण कराने को लेकर दो गुट आमने सामने है, बड़ी बात ये है कि श्मशान घाट में बनने वाली छतरी का शिलान्यास भी क्षेत्रीय विधायक द्वारा किया जा चुका है लेकिन उसके बावजूद भी काम को रुकवा दिया गया, जब ग्रामीणों ने काम रुकवाने की वजह जानी तो उच्चाधिकारियों के मौखिक आदेश का हवाला दिया गया। जबकि ग्रामीण श्मशान घाट से संबंधित सभी सरकारी काजग कंप्लीट होने का दावा कर रहे है।
दरअसल इसी साल के विधानसभा चुनाव में ग्रामीणों ने श्मशान घाट बनने की मांग को लेकर चुनाव का बहिष्कार किया था। कई दिनों तक धरना प्रदर्शन के बाद एसडीएम के आश्वासन पर उन्होंने बहिष्कार को खत्म किया और मतदान में हिस्सा लिया। ग्रामीणों का आरोप है कि पूर्व विधायक ने क्षेत्र में कोई कार्य नही कराया जिसको लेकर उन्होंने वर्तमान विधायक के पक्ष में वोट किए, और उन्हें जीत दिलाई। इसी बात से खफा पूर्व विधायक उनसे राजनीतिक रंजिश रखने लगे, पूर्व विधायक से जुड़े गाँव के दो परिवार श्मशान घाट बनने में रोड़ा बन रहे है जिन्हें पूर्व विधायक स्पोर्ट करते है। ग्रामीणों ने बताया उन्हें सरकारी भूमि श्मशान घाट के लिए अलॉट की गई, जिसकी ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में हदबंदी की, उसके बाद कई अंतिम संस्कार भी वही किए गए, अब जब क्षेत्रीय विधायक ने उस श्मशान घाट में अपनी निधि से छतरी बनाने का काम शुरू किया तो उसमें पूर्व विधायक के प्रतिनिधि रोड़ा अटका रहे है। ग्रामीणों ने बताया विधायक रवि बहादुर दो दिन पहले शमशान घाट में होने वाले निर्माण का शिलान्यास भी कर गए, लेकिन एक दिन पूर्व क्षेत्र में सीएम के कार्यक्रम के बाद फिर से काम को रुकवा दिया गया। उन्होंने बताया सालों से ग्रामीण शमशान घाट को लेकर परेशान थे, और वह अंतिम संस्कार के लिए पास की नदी पर जाया करते थे। जद्दोजहद के बाद श्मशान घाट के लिए जगह मिली है, लेकिन कुछ सियासी लोगों को ये हजम नही हो रहा। ग्रामीणों ने बताया जमीन के अलॉट से लेकर अन्य कागजात उनके पास है लेकिन उसके बावजूद भी मौखिक आदेश का हवाला देकर काम रुकवाया गया है।
बाइट ,राजेश कम्बोज (ग्रामीण)
बाइट, मास्टर साहेन्द्र (ग्रामीण)