चौरी चौरा काण्ड:
मेहनगर में प्रभात फेरी निकाली गई।
चौरी चौरा काण्ड के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में मेहनगर बस स्टेशन से प्रभात फेरी निकाली गई, प्रभात फेरी नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई लखरांव तालाब के हनुमान घाट समाप्त हो गई, यहाँ राष्ट्रीय गान के पश्चात कार्यक्रम का समापन किया गया। ज्ञातव्य हो कि चौरी चौरा कांड 4 फरवरी 1922 को ब्रिटिश भारत में संयुक्त राज्य के गोरखपुर जिले के चौरी चौरा में हुई थी, जब असहयोग आंदोलन में भाग लेने वाले प्रदर्शनकारियों का एक बड़ा समूह पुलिस के साथ भिड़ गया था। जवाबी कार्रवाई में प्रदर्शनकारियों ने हमला किया और एक पुलिस स्टेशन में आग लगा दी थी, जिससे उनके सभी कब्जेधारी मारे गए। इस घटना के कारण तीन नागरिकों और 22 पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी। महात्मा गांधी, जो हिंसा के सख्त खिलाफ थे, ने इस घटना के प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में 12 फरवरी 1922 को राष्ट्रीय स्तर पर असहयोग आंदोलन को रोक दिया था। चौरी-चौरा कांड के अभियुक्तों का मुक़दमा पंडित मदन मोहन मालवीय ने लड़ा और उन्हें बचा ले जाना उनकी एक बड़ी सफलता थी। प्रभात फेरी के अवसर पर उपजिलाधिकारी मेहनगर प्रियंका प्रियदर्शिनी, अधिशासी अधिकारी विनय कुमार मिश्रा,क्षनगर अध्यक्ष अशोक चौहान, कमलेश कुमार मधुकर, सुबाष जायसवाल, वीरेंद्र आर्य, राम बदन कनौजिया, राम लखन पासवान, पुलिस प्रशासन, विद्यालयों की छात्र, छात्राएं और पत्रकार गण आदि प्रमुख लोग उपस्थित थे।
- सुधीर चन्द्र अस्थाना