पोषण व्यंजनों से भरी गई गर्भवती की गोद

पोषण व्यंजनों से भरी गई गर्भवती की गोद

स्वस्थ रहेगी जच्चा तो तंदुरुस्त होगा बच्चा | इस कथन को आत्मसात करने के लिए बाल विकास एवं पुष्ठाहार विभाग की तरफ से सोमवार को तहसील मुख्यालय तिर्वा पर गर्भवती की गोदभराई कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता उपजिलाधिकारी तिर्वा जयकरन ने की।कार्यक्रम की शुरुआत गर्भवती को चुनरी ओढ़ाकर परम्परागत तौर से टीका लगाकर की गई।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि तिर्वा विधायक कैलाश राजपूत ने गर्भवती को उपहार के रूप में सतरंगी थाली दी। जिसमें गुड़,चना,हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन की गोली, पोषाहार व फल आदि शामिल हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति अनूठी है।हम आने वाले शिशु के लिए मंगल गीतों के बीच वह गोद भराई कार्यक्रम करते हैं। गर्भ में पल रहे शिशु को पूरा आहार मिले अच्छा माहौल मिले। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा हर ग्राम पंचायत में व्यवस्था की गई है ताकि आने वाली पीढ़ी पूर्ण रूप से स्वस्थ हो ।इसके साथ ही गर्भवती को गर्भावस्था के दौरान जरूरी पोषण,गर्भ के साथ रखी जाने वाली सावधानियां, समय पर टीकाकरण व जांच आदि जानकारी भी दी गई। इस अवसर पर उमर्दा ब्लाक की प्रभारी बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) सुधा रावत ने गर्भवती को गर्भावस्था के दौरान जरूरी पोषण,गर्भ के साथ रखी जाने वाली सावधानियां, समय पर टीकाकरण व जांच आदि जानकारी भी देने के अलावा गर्भावस्था के पूरे समय में अपने क्षेत्र की आशा, एएनएम, व डाक्टरों के संम्पर्क में रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि गर्भवती को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान शरीर में कई बदलाव होते हैं इसलिए घबराने या किसी टोटके के इस्तेमाल करने की जगह महिलाओं को डाक्टर, आशा, एएनएम के द्वारा दिए गये सुझाव पर अमल करना चाहिए। साथ ही कहा कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण को देखते हुए गर्भवती और अधिक सावधानी बरतें क्योंकि कोरोना अभी गया नहीं हैं।इसलिए मास्क, शारिरिक दूरी, साफ-सफाई व सरकार द्वारा दिए गये दिशानिर्देशों का पालन करें और सुरक्षित रहें। ठठिया की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता साधना त्रिपाठी ने केंद्र पर वितरित किये जाने वाले पोषाहार के बारे में बताया कि पोषाहार का सेवन करने से गर्भवती में खून की कमी नहीं होती। इसमें आयरन, प्रोटीन, सोयाबीन आदि का मिश्रण होता है। इसीलिए यह गर्भवती और किशोरियों को दिया जाता है | इस दौरान तहसीलदार तिर्वा अनिल कुमार सरोज,खण्ड विकास अधिकारी अखिलेश कुमार चेयरमैन तिर्वा मीरा गुप्ता क्षेत्राधिकारी दीपक दुबे सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहें।
गर्भवती पिंकी कहती हैं कि हमें पहले यह मालूम नही था कि बच्चे के जन्म के तुरन्त बाद ही अपना ही दूध पिलाना चाहिए। लेकिन इस तरह के कार्यक्रमों से हमें इस तरह की अच्छी जानकारियां मिलती हैं। गर्भवती बिट्टी कहती हैं कि इस तरह के कार्यक्रम से हमें जानकारी मिलती है कि गर्भावस्था के दौरान हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए तथा क्या खाना चाहिए जिससें जच्चा बच्चा दोनो स्वस्थ रहे।
गोद भराई क्या है?
गोद भराई गर्भावस्था के दौरान सरकार व बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा चलाए जाने वाला कार्यक्रम है। इसमें अजन्मे शिशु का परिवार में स्वागत करने के साथ-साथ गर्भवती माँ को मातृत्व की ढेरों खुशियों का आशीर्वाद दिया जाता है। गोद भराई शब्द का मूल अर्थ है ‘गोद को प्रचुरता से भरना’ |

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