जनपद कन्नौज में कोरोना संकट के बीच मलेरिया फैलने की आशंका के मद्देनजर इस साल भी जून को मलेरिया रोधी माह के रूप में मनाया जा रहा है। इसके तहत लोगों को मलेरिया से बचाव के संबंध में जागरूक किया जाएगा । जिले में पिछले वर्ष14 मरीज मलेरिया से ग्रसित मिलें थे। जिला मलेरिया अधिकारी मुकेश दीक्षित ने बताया कि कोरोना संक्रमण के साथ ही मलेरिया,डेंगू और चिकनगुनिया से सभी को सजग रहना होगा। इसी ध्येय से 30 जून तक मलेरिया रोधी माह मनेगा । जिससे आगामी महिनों में प्रभावी रूप से मलेरिया बीमारी की रोकथाम हो सकें। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत इस बार उस प्रकार से जागरूकता अभियान, गोष्ठियां और रैलियों आयोजित नहीं की जा सकती। जिस प्रकार हर साल की जाती थी।लेकिन फिर भी सोशल मीडिया, बैनर,पोस्टर,माइक द्वारा प्रचार,दीवारों पर पेंटिंग व अन्य साधनों से मलेरिया से बचाव लोगों को जानकारी दी जाएगी।
क्या है मलेरिया
मलेरिया प्लाज्मोडियम नाम के पैरासाइट से होने वाली बीमारी हैं। यह मादा ‘एनोफिलीज’ मच्छर के काटने से होता है।जो साफ बहते हुए पानी में पनपते हैं। ये मच्छर आमतौर पर सूर्यास्त के बाद काटते हैं। मलेरिया के मच्छर रात में ही ज्यादा काटते हैं। कुछ मरीजों में मलेरिया अंदर ही अंदर बढ़ता रहता है। ऐसे में बुखार ज्यादा न होकर कमजोरी होने लगती है।और एक स्टेज पर मरीज को हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है। जिससे वह अनीमिक (खून की कमी) हो जाता है।
मलेरिया के लक्षण
• संक्रमित व्यक्ति को तेज सिर दर्द होता है
• उसे उल्टी या मितली जैसे लक्षण दिखाई देते हैं
• तेज बुखार आता है
• ठंड लगकर या फिर कंपकंपी के साथ बुखार आता है
• बुखार लंबे समय तक बना रहता है
• थोड़ी-थोड़ी देर पर प्यास लगती है
• हाथ और पैर में ऐंठन बनी रहती है
• थकान और कमजोरी महसूस होती है
• घबराहट और बेचैनी जैसा अनुभव होता है
• बहुत ज्यादा ठंड लगती है
मलेरिया से बचने के उपाय
• अपने आसपास कहीं पर भी पानी ना इकट्ठा होने दें।
• बारिश होने से पहले घर की छत पर पड़े टायर या फिर गमलों को पूरी तरह से ढक दें
• कूलर के पानी को नियमित रूप से बदलते रहें।
• घर के फर्श और आसपास की जगह को फिनॉयल जैसे कीटाणुनाशक से साफ करते रहें।
• अगर आप किसी ऐसे क्षेत्र में रह रहे हैं जहां पर बहुत ज्यादा मच्छर हैं तो रात को सोते समय मच्छर मारने वाली क्वाइल या फिर मच्छरदानी लगाकर सोएं।
• बारिश के दिनों में ऐसे कपड़े पहनें जिससे हाथ और पैर पूरी तरह से ढके रहें |