किसानों के साथ छल बर्दाश्त नहीं -प्रियंका गांधी

क्या किसान पंचायतों से मिल पाएगी प्रियंका गांधी को लखनऊ की चाबी?

क्या किसान पंचायतों से मिल पाएगी प्रियंका गांधी को लखनऊ की चाबी?

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन अब भी जारी है। ये आंदोलन अब किसान पंचायतों के बूते आगे बढ़ रहा है। अलग-अलग राज्यों में हजारों की तादाद में किसान पंचायत कर रहे हैं। इन किसान पंचायतों में विपक्षी दलों के नेता पहुंच रहे हैं। कांग्रेस इस मामले में सबसे आगे रही है। कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ताबड़तोड़ पंचायतों में हिस्सा ले रहे हैं।

ये दिलचस्प है कि शुरुआती दौर में किसान आंदोलन ने राजनीतिक नेताओं से दूरी बनाए रखी थी। हालांकि अब नेता इसमें कूद पड़े हैं। देखा जाए तो आंदोलन जिन असल मुद्दों पर शुरू हुई थी, उस पर बहस भी लगभग बंद हो चुकी है। कम से कम केंद्र सरकार की ओर से तो इसे पूरी तरह नजरंदाज किया ही जा रहा है। कृषि कानूनों को लेकर शुरू हुआ आंदोलन अब किसी और दिशा में जाता दिखाई दे रहा है। हालांकि किसानों कि अब भी वही मांगें हैं। पहला तीनों कृषि कानूनों को केंद्र सरकार वापस ले। दूसरा किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की संवैधानिक गारंटी दी जाए।

कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा आज एक किसान पंचायत में शामिल हुई थीं। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के बघरा में ये किसान पंचायत लगी थी। लोगों का रेला यहां पहुंचा था। ऐसे कई वीडियो देखने को मिले हैं कि लोग बघरा जाते हुए ढोल बजा रहे थे। इस सभा में किसान और आम लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे। यहां प्रियंका ने केंद्र सरकार को जमकर लताड़ा। कृषि कानूनों को लेकर प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र की भाजपा सरकार को घेरा। यहां उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी मंच पर मौजूद थे।

बघरा के किसान पंचायत में प्रियंका गांधी वाड्रा क्या हैं राजनीतिक मायने:
2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव होना है। कांग्रेस उत्तर प्रदेश की सत्ता से अपना बनवास खत्म करना चाहती है। राज्य में कांग्रेस अपनी जमीन फिर से बनाने की जुगत कर रही है। इसीलिए प्रियंका गांधी वाड्रा को पार्टी ने उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाकर भेजा था। प्रियंका गांधी को एक एक्स फैक्टर के रूप में पेश करने की कोशिश कांग्रेस कर रही है। इस बीच किसान आंदोलन के रूप में कांग्रेस और प्रियंका गांधी के सामने एक बड़ा मौका है। प्रियंका गांधी किसान पंचायतों के जरिए एक जमीन तैयार करने का प्रयास कर रही हैं। जिसपर चलकर कांग्रेस लखनऊ पहुंच सके।

ये बात तो तय है कि कांग्रेस के लिए आगे का रास्ता कतई आसान नहीं होने वाला है। प्रियंका गांधी को 2019 के लोकसभा चुनाव में भी एक्स फैक्टर के तौर पर उतारा गया था। लेकिन कांग्रेस का यह दांव बुरी तरह जमीन पर धड़ाम हो गया था। देखने वाली बात होगी कि क्या किसानों के बीच अपनी सक्रियता से प्रियंका गांधी वाड्रा कोई नया असर पैदा कर पाती हैं या नहीं।

Read Article

Share Post

VVNEWS वैशवारा

Leave a Reply

Please rate

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

शातिर गैंगस्टर व हिस्ट्रीशीटर अभियुक्त मिश्रीलाल पुत्र पुत्तूलाल कोरी एवं उसके गैंग के सदस्यों के विरूद्ध गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) के तहत की गई कार्यवाही, लगभग 1 करोड़ 5 लाख रूपये कीमत की संपत्ति की गयी जब्त

Sun Feb 21 , 2021
शातिर गैंगस्टर व हिस्ट्रीशीटर अभियुक्त मिश्रीलाल पुत्र पुत्तूलाल कोरी एवं उसके गैंग के सदस्यों के विरूद्ध गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) के तहत की गई कार्यवाही, लगभग 1 करोड़ 5 लाख रूपये कीमत की संपत्ति की गयी जब्त पुलिस अधीक्षक खीरी, विजय ढुल के निर्देशन में जनपद खीरी पुलिस द्वारा […]

You May Like

advertisement