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हजरत मोहम्मद साहब के जन्म दिवस पर निकला जुलूस व प्रभात फेरी
उलेमाओं ने कहा मोहम्मद साहब पूरे दुनिया के लिए रहमत
मुखिया प्रतिनिधि मो शाहिद के नेतृत्व में निकला जुलूस
अररिया
गुरुवार को इस्लाम धर्म के प्रवर्तक व आखरी पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिवस के मौके पर जिले भर से भव्य जुलूस निकला । अहले सुबह इस जुलूस को जिले के गांव, शहर, गली मोहल्लों में भ्रमण कराया गया। अकीदतमंद लोगों ने पूरी आस्था के साथ 12 रविअव्वल को मोहम्मद साहब का जन्मदिवस मनाया । वहीं जोकिहाट प्रखंड के चिरह, उदा, तुरकैली,अररिया प्रखंड से रामपुर कदरकट्टी,गाछी टोला आदि जगहों से जुलूस शान्ति पूर्वक निकाला गया। इधर इस्लामिक जानकार व उलेमाओं ने कहा के मिलादुन्नबी यानी इस्लाम धर्म के संस्थापक पैगंबर मोहम्मद साहब का जन्म दिन रविअव्वल महीने की 12 तारीख को मनाया जाता है । हजरत मोहम्मद साहब का जन्म मक्का (सऊदी अरब) में हुआ था ,उनके वालिद साहब का नाम अब्दुल्लाह बिन अब्दुल मुख्तलिब था और वाल्दा का नाम आमेना था। उनके पिता का स्वर्गवास उनके जन्म के 2 माह बाद हो गया था, उनका लालन-पालन उनके चाचा अबू तालिब ने किया। हजरत मोहम्मद साहब को अल्लाह ने एक अवतार के रूप में पृथ्वी पर भेजा था ,क्योंकि उस समय अरब के लोगों के हालात बहुत खराब हो गए थे। लोगों में शराब खोरी, जुवा खोरी, लूटमार ,वेश्यावृत्ति ,अज्ञानता,कई कुरीतियां भयंकर रूप से फैला हुआ था। कई लोग नास्तिक थे। ऐसे माहौल में मोहम्मद साहब ( स )ने जन्म लेकर लोगों को एक ईश्वर का संदेश दिया। यह बचपन से ही अल्लाह की इबादत में लीन रहते थे । कई कई दिनों तक मक्का की एक पहाड़ी (गारे हिरा) पर जिसे अब्बल नूर कहते हैं , उसमे वह इबादत किया करते थे। 40 वर्ष की अवस्था में उन्हें अल्लाह की ओर से संदेश प्राप्त हुआ। अल्लाह ने फरमाया यह सब संसार सूर्य, चांद, सितारे मैंने पैदा की है, मुझे हमेशा याद करो। मैं केवल एक हूं , मेरा कोई मानी सानी नहीं है । अल्लाह ताला फरमाते हैं कि ए नबी (स) लोगों को समझाओ। हजरत मोहम्मद साहब (स ) ने ऐसा करने का अल्लाह को वचन दिया, तभी से उन्हें नबूवत प्राप्त हुई। मोहम्मद साहब ( स )ने खुदा के जिस धर्म को चलाया ,वह इस्लाम कहलाता है। इसका शाब्दिक अर्थ है, खुदा के हुक्म पर झुकना। वही चिरह से इस जुलूस को सफल बनाने में पूरे गांव के लोग आदि मौजूद थे। पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन भी जुलूस को शांतिपूर्ण तरीके से सफल बनाने के लिए कमान संभाले हुए नजर आए । सभी गांव से हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिवस पर सुबह-सुबह प्रभात फेरी भी निकाली गई और दिन भर विभिन्न गांव में जुलूस का काफिला जिला मुख्यालय तक आता रहा और मुख्यालय का भ्रमण करते हुए स्थानीय चांदनी चौक होते हुए सुभाष चंद्र बोस स्टेडियम में प्रवेश किया और विभिन्न गांव से आए हुए जुलूस एक सभा में परिणत हो गया। जहां उलेमाओं ने अपनी तकरीर में कहा कि हजरत मोहम्मद साहब के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाएं। उनके शिक्षा को आम करें। इस मौके पर स्टेडियम में आयोजित सभा के समापन पर उलेमाओं ने पूरे दुनिया के लिए अमन चैन, व शांति के लिए दुआएं भी सामूहिक रूप से की गई। मौके पर पुलिस पदाधिकारी वी जिला प्रशासन भी मौजूद थे । मुखिया प्रतिनिधि मो शाहिद सह मुखिया संघ के जिला अध्यक्ष ने यह भी बताया कि यूं तो अररिया जिले में सभी पर्व आपसी भाईचारे के साथ मनाया जाता है। अररिया जिला में गंगा जमुना तहजीब का मिशाल देखने को मिलता है और सभी पर्व यहां आपसी भाईचारे के साथ मनाई जाती है और यह पर्व भी आज शांतिपूर्ण तरीके से मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मनाया । लोगों और प्रशासन ने चिरह के मुखिया शाहिद आलम व पूर्व सरपंच इश्तियाक आलम, कमाले हक को भी पर्व की मुबारकबाद दी। उसके बाद फिर अपने अपने गांव के लिए जुलूस वापस हो गया। वहीं शाम तक विभिन्न मस्जिदों, इबादतगाहों व खानकाओं में दरूद फातेहा का एहतमाम होता रहा। इस तरह मोहम्मद साहब के जन्मदिवस पर निकले जुलूस शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। इस मौके पर जुलूस का नेतृत्व करते हुए चीरह के मुखिया मो शाहिद आलम, , पूर्व सरपच इश्तियाक आलम , मौलाना शमशुद जुहा,हाफिज इरशाद,अहसनुल, मौलाना जफर, मुदस्सिर , टिंकू, सूरत, कांछा,नदीम, मिट्ठू,रेहान फ़ज़ल,मो इस्लाम, मौलाना जफरुद्दीन, मुनव्वर आलम, हाफिज शमशुजजुहा , साकिब, तनवीर, जफर आलम, अब्दुल वाहिद, आबिद, हाफिज इरशाद,मुज्तबा ,आले हक, कमाले हक,कारी अशरफ, लाडला, सूरज, इम्तियाज ,मुदस्सीर, कारी अशरफ, मो अली आदि शामिल थे।