स्वामी विवेकानन्द राष्ट्र गौरव व देश प्रेम की भावना के प्रतीक : प्रो. मंजूला चौधरी।
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स्वामी विवेकानन्द सदैव युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत रहेंगे : डॉ. संजीव शर्मा।
कुवि में विवेकानन्द जयन्ती के अवसर पर विवेकानन्द भवन में हवन यज्ञ एवं पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित।
कुरुक्षेत्र, 12 जनवरी :- कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानन्द छात्रावास में मंगलवार को राष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष्य में हवन यज्ञ व पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की मुख्यातिथि डीन अकेडमिक अफेयर प्रो. मंजूला चौधरी ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने समस्त हिन्दू धर्म और अध्यात्मवाद की श्रेष्ठता को स्थापित करके सभी भारतीयों में आत्म गौरव व देश प्रेम की भावना पैदा किया। उन्होंने वेदान्त की मुख्य शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कार्य किया। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द मानते थे कि प्रत्येक व्यक्ति अपने अंदर ईश्वर की ज्योति को अनुभव कर सकता है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द युवाओं के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहे हैं व हमेशा रहेंगे। आध्यात्मिक के साथ-साथ वैश्विक उन्नति करने वाली स्वामी विवेकानंद की सोच को विकसित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने युवाओं के जीवन में शारीरिक, सामाजिक व अध्यात्मिक बौद्धिक शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे शिक्षा की आवश्यकता है जिसका प्रथम व अंतिम उद्देश्य चरित्र निर्माण हो। उन्होंने कहा कि जीवन लम्बा न होकर महान होना चाहिए। हमें विवेकानन्द जी की शिक्षाओं को अपने जीवन में साक्षात् करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द की स्पष्ट मान्यता थी कि धर्मों की विभिन्नता स्वाभाविक भी है और आवश्यक भी है। विचारों की भिन्नता और संघर्ष से ही नवीन विचार जन्म लेते हैं। वे शिक्षा, स्त्री पुर्नउद्धार तथा आर्थिक प्रगति के पक्षधर थे।
कार्यक्रम में छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. अनिल वशिष्ठ ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी ने हिन्दू धर्म की महानता का विश्वभर में प्रदर्शन कर भारत का मस्तक गौरव से ऊंचा किया। उन्होंने हिन्दू धर्म को सत्यं, शिवम्, सुन्दरम् पर आधारित बताया। उन्होंने कहा कि भारत ही विश्व का शिक्षक रहा है और भविष्य में भी रहेगा। हम सभी को अपने धर्म एवं संस्कृति की रक्षा करनी चाहिए।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के चीफ वार्डन (पुरूष छात्रावास) व एनएसएस कोर्डिनेटर प्रो. डीएस राणा ने सभी मेहमानों का स्वागत एवं परिचय दिया तथा विवेकानन्द जी के जीवन व उनकी शिक्षाओं के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने एनएसएस के स्वयंसेवकों का कार्यक्रम में सहयोग के लिए विशेष आभार व्यक्त किया। इस मौके पर एनएसएस की स्वयंसेविका खुशी ने एक कविता के माध्यम से समाजिक समरसता का संदेश दिया। कार्यक्रम के पश्चात विवेकानन्द छात्रावास के प्रांगण में पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, डीन अकेडमिक अफेयर प्रो. मंजूला चौधरी व अन्य अधिकारियों ने पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। कार्यक्रम का मंच संचालन विवेकानन्द हॉस्टल के वार्डन डॉ. कुलदीप सिंह ने किया।
इस अवसर पर प्रॉक्टर प्रो. रमेश भारद्वाज, कुटा प्रधान डॉ. परमेश कुमार, चीफ वार्डन (महिला छात्रावास) प्रो. नीलम ढांडा, प्रो. दलीप कुमार, प्रो. शुचिस्मिता, प्रो. निर्मला चौधरी, लोकसम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. ब्रजेश साहनी, उपनिदेशक डॉ. दीपक राय बब्बर, युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया व उपनिदेशक डॉ. गुरचरण सिंह, प्रो. आरके देशवाल, प्रो. प्रदीप कुमार, डॉ. गोपाल प्रसाद, डॉ. रमेश कुमार, डॉ. सोमबीर जाखड, डॉ. आरबीएस यादव, कुटा सचिव डॉ. विवेक गौड, डॉ. संजय कौशिक, डॉ. कुसुमलता, डॉ. मधुदीप सिंह, डॉ. मनीषा संधू, डॉ. मीनाक्षी सुहाग, डॉ. जितेन्द्र खटकड़, डॉ. विरेन्द्र पाल, डॉ. हरविन्द्र सिंह लोंगोवाल, डॉ. ओमप्रकाश, डॉ. विजय, डॉ. जितेन्द्र जांगड़ा व एनएसएस के स्वयंसेवकों सहित विश्वविद्यालय के कर्मचारी मौजूद रहे।