जमुआ पंचायत में हुआ जनसंवाद कार्यक्रम
अररिया
प्रखंड के जमुआ पंचायत में जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम जमुआ हटिया के समीप स्थित पंचायत भवन में आयोजित हुई। कार्यक्रम के अध्यक्षता बीडीओ धीरज कुमार ने किया। वहीं सीओ गोपीनाथ मंडल सहित प्रखंड स्तरीय सभी विभाग के अधिकारी व कर्मी जनसंवाद कार्यक्रम में मौजूद थे। इस दौरान बड़ी संख्या में पंचायत के महिला-पुरुष तथा जनप्रतिनिधि मौजूद थे। जीविका, मत्स्य पालन, बकरी पालन, जन वितरण, पंचायती राज, स्वास्थ्य विभाग, स्वच्छता मिशन, शिक्षा विभाग, अल्पसंख्यक विभाग, नल जल, पीएचडी, कृषि सहित विभिन्न विभाग के अधिकारियों ने लोगों की समस्या को सुनते हुए सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराया। साथ ही योजना का लाभ लेने के लिए लोगों को जागरूक भी किया। मुखिया प्रोफेसर भीमनाथ झा ने पंचायत में संचालित व चयनित योजनाओं के बारे में लोगों को जानकारी दी। मौके पर मुखिया ने आम लोगों से योजनाओं के संबंध में सुझाव व दिशा निर्देश लेकर जन संवाद कार्यक्रम को सफल बनाया। बीडीओ धीरज कुमार ने जनसंवाद कार्यक्रम को समाज में जागरूकता व महत्वाकांक्षी योजनाओं से लोगों रूबरू करवाने की बात कही।
सीओ गोपीनाथ मंडल ने भी लोगों की समस्या व निदान की सलाह दी। मौके पर डीपीआरओ अजय कुमार झा, पशुपालन के हिमांशु कुमार, रूपेश निराला, अजय कुमार झा, पीएचडी के अरविंद कुमार, स्वच्छता के सुभाष कुमार, मत्स्य विभाग के शिंपी रानी, जीविका विकास प्रखंड कल्याण विभाग के लक्ष्मी कुमारी सहित जीविका व अन्य विभाग के लोग मौजूद थे।
वहीं सरपंच कृष्णमणि चौधरी, पंसस सूर्यकांत पाठक, प्रवीण चौधरी उर्फ ठक्कन चौधरी, पंचायत के वार्ड सदस्य, कार्यपालक सहायक, पीआरएस एवं बड़ी संख्या में पंचायत के लोग मौजूद थे।
कृषि विभाग व पीएचडी के कार्यपालक के विरुद्ध ग्रामीणों ने जताया आक्रोश—
जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान लोगों ने प्रखंड कृषि पदाधिकारी के समक्ष जमकर नाराजगी जाहिर किया। नाराजगी जाहिर करते हुए लोगों ने बताया कि इस क्षेत्र में कृषि विभाग निष्क्रिय है। बताया कि मिट्टी जांच की बात सिर्फ कागजों में सिमटा हुआ है। आज तक अररिया ग्रामीण क्षेत्र के किसी भी किसानों के खेतों से मिट्टी का नमूना नहीं लिया गया है। जिसके कारण लोगों को लागत के अनुरूप खेती में बचत नहीं हो पा रहा है। वहीं लोगों ने पीएचडी विभाग के कार्यपालक अभियंता के विरुद्ध जमकर पोल खोला। रोष प्रकट करते हुए बताया कि कार्यपालक अभियंता किसी के फरियाद को नहीं सुनते हैं। मोबाइल भी रिसीव नहीं करते। समस्या सुनने के बजाय लोगों को खरी खोटी सुनने को मजबूर होना पड़ता है।