महंगाई से जन जीवन अस्त-व्यस्त
गोरखपुर। कोरोना संक्रमण के दौरान लाखों लोगों की रोजी रोटी गई अब बढ़ती कमरतोड़ महंगाई से निजात पाने के आसार नहीं दिख रहे खाद्य सामग्री से लेकर निर्माण संबंधी अन्य आवश्यक सामानों के दाम बढ़ने से जहां आम जनता विशेषकर मध्यम वर्गीय वर्ग के लोग कराह रहे हैं वहीं सरकार बढ़ती महंगाई दर को रोक पाने में विवश नजर आ रही है। हालात यह है कि रोजमर्रे के सामानों की खरीद के लिए आम लोगों को कई तरह के पापड़ बेलने पड़ रहे हैं।
खाद्य सामग्री के संदर्भ में वर्तमान समय में होलसेल साहबगंज मंडी में दाल 100रुपये प्रति किलो फॉर्चून 130 प्रति लीटर सरसों तेल 135 रुपए प्रति लीटर लहसुन 100 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं आम जनमानस इस कमरतोड़ महंगाई में अपने किचन का जायका का किसी तरह संतुलन बनाते हुए अपने बच्चों का जीवकोपार्जन किसी तरह से कर रहे हैं सरकार इसे रोकने में असफल दिख रही है। वैसे तो सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दे रखा है कि आवश्यक रोजमर्रा की खाद्य सामग्री वस्तुओं के रेटों पर लगाम लगाया जाए केवल कहने के लिए आदेश जारी कर दिया गया आदेशों को अमल में नहीं लाया जा रहा। जिससे आम जनजीवन मध्यम वर्गीय परिवार का बेहाल हो चुका है। लोगों को एक और समस्या से रुबरु होना पड़ रहा है। लोगों का मानना है कि बाजार में बिक रहे खाद्य सामग्री पहले की तरह स्वादिष्ट नहीं है। बाहर से आ रहे चावल में स्थानीय चावलों जैसा स्वाद नहीं है। हरी सब्जी की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है। इधर दिन प्रतिदिन बढ़ रही महंगाई से आम जनता कराह रही है।मध्यम आय वाले लोगों के लिए घरेलू बजट को व्यवस्थित रखना मुश्किल हो गया है वहीं मजदूर वर्ग के लोगों को दो जून की रोटी का जुगाड़ करने में पसीना छूट रहा है। दिन भर कठिन परिश्रम के बाद शाम के समय जब वे लोग दुकान पर जाते हैं तो वे समझ नहीं पाते कि क्या खरीदें। महंगाई का असर निर्माण संबंधी सामानों पर भी पड़ा है।
एक तो कमरतोड़ महंगाई और उपर से सूखे से उत्पन्न हालात से लोगों को दोहरी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हरी सब्जी के दाम तो पहले की अपेक्षा कुछ कम है लेकिन प्याज के दाम 50 प्रति किलो पर बने हुए हैं जिससे सब्जियों का जायका मध्यम वर्गीय परिवार का खराब कर रहा है। दूसरी तरफ सिलेंडरों के दामों में आग लगा हुआ है 782 रुपए में सिलेंडर खरीदने पर मजबूर हैं सब्सिडी के नाम पर सिर्फ 59 रुपये प्रतिमाह खातों में भेजा जाता हैं डीजल पेट्रोल के दामों में प्रतिदिन बढ़ोतरी देखी जा रही है सरकार मूकदर्शक बनी हुई है जब डीजल पेट्रोल सहित आवश्यक खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ेंगे और सिलेंडर में आग लगेगी तो आम जनजीवन का अस्त व्यस्त होना लाजिमी है। सरकार रोजमर्रा की आवश्यक खाद्य पदार्थों सहित सिलेंडर डीजल पेट्रोल ब्याज सहित अन्य वस्तुओं पर लगाम लगाने लगाने के लिये कोई ठोस रणनीति अपनाएं जिससे गृहणीओं का बजट सुदृढ़ हो सके।