हरियाणा: श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय में नाड़ी परीक्षण राष्ट्रीय कार्यशाला एवं संगोष्ठी का होगा आयोजन

श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय में नाड़ी परीक्षण राष्ट्रीय कार्यशाला एवं संगोष्ठी का होगा आयोजन।

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877

कुरुक्षेत्र : विश्व आयुर्वेद परिषद, श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय एवं एनआईटी कुरुक्षेत्र के संयुक्त तत्वाधान में 19 से 20 नवंबर को नाड़ी परीक्षण नाम से राष्ट्रीय कार्यशाला एवं संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यशाला के समापन अवसर पर महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का मार्गदर्शन भावी चिकित्सकों को मिलेगा। इसके साथ ही शुभारंभ विश्व आयुर्वेद परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. गोविंद सहाय शुक्ल, आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बलदेव कुमार और कुरुक्षेत्र राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक प्रो. बी.वी रमना रेड्डी द्वारा किया जाएगा। कुलपति डॉ. बलदेव कुमार ने कहा कि नाड़ी परीक्षण विषय पर यह उत्तर भारत की पहली राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला का आयोजन कुरुक्षेत्र में होने जा रहा है। जिसमें पूरे देशभर से आयुर्वेद के यूजी, पीजी विद्यार्थियों के साथ-साथ प्राइवेट प्रैक्टिशनर भी भाग ले रहे हैं। नाड़ी परीक्षण ऐसा विषय है जिसे पढ़ाया तो जाता है। मगर यह अनुभव का विषय है। जिस पर ओर अधिक काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नाड़ी तरंगिणी नाम से इलेक्ट्रोमेडिकल आधुनिक उपकरण है। जिसके माध्यम से व्यक्ति की वात,पित्त और कफ को पहचान कर रोगी के रोग का निदान किया जा सकता है। आयुष विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को पारंपरिक पद्धति के साथ-साथ आधुनिक उपकरणों की भी जानकारी दी जा रही। है। इस कार्यशाला में भी विद्यार्थियों को दोनों विषयों की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। डीन एकेडमिक अफेयर्स डॉ. शंभू दयाल ने कहा कि आयुर्वेद में व्यक्ति का आठ प्रकार से परीक्षण किया जाता है। सबसे पहले नाड़ी परीक्षण किया जाता है। उसके बाद ही रोग की चिकित्सा की जाती है। भारत में नाड़ी जांच के सुप्रसिद्ध वैद्य रहे हैं। मगर गुलामी के काल खंड में देश की प्राचीन चिकित्सा पद्धति को मिटाने की भरपूर कोशिश की गई। आज उन्हीं परंपराओं को उजागर और उस पर काम करने की आवश्यकता है। कार्यशाला के बारे में विस्तार से बताते हुए कुलसचिव डॉ. नरेश कुमार ने कहा कि यह कार्यशाला दो दिन 19 और 20 नवंबर तक चलेगी। अभी तक देशभर से 14 राज्यों के 27 महाविद्यालयों से 513 विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। जिसमें आयुर्वेद के स्नातक, स्नातकोत्तर और प्राइवेट प्रैक्टिशनर भी भाग ले रहे हैं। यह कार्यशाला दो चरणों में होगी एक दिन संगोष्ठी और दूसरे दिन कार्यशाला। इस कार्यशाला में नाड़ी विशेषज्ञ एवं नाड़ी गुरु वैद्य संजय छाजेड़ मुख्य विषय विशेषज्ञ, नाड़ी विशेषज्ञ वैद्य सुशांत मिश्र एवं आयुर्वेद स्नातकों के लिए कैरियर काउंसलिंग का विषय डॉ. सुरेंद्र चौधरी द्वारा लिया जाएगा।

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