रायबरेली पुलिस ने ऐसे गैंग को पकड़ा है जिसकी तलाश लखनऊ, झांसी और राजस्थान पुलिस को है। यह गैंग ग्रामीण

रायबरेली
रिपोर्टर विपिन राजपूत
रायबरेली पुलिस ने ऐसे गैंग को पकड़ा है जिसकी तलाश लखनऊ, झांसी और राजस्थान पुलिस को है। यह गैंग ग्रामीण
इलाकों में पुराने बर्तन के बदले नये बर्तन देकर पहले विश्वास जमाता है फिर संस्था की स्कीम बताकर पुराने आभूषण बदले नये अभूषण देने का वायदा कर यह ज़ेवर लेकर फरार हो जाते हैं। रायबरेली में पिछले दिनों चंदापुर और महाराजगंज थाना इलाके में इस गैंग ने लगभग तीन दर्जन ग्रामीण महिलाओं को ठगा था। दोनों थाने की पुलिस मुकदमा दर्ज कर तब से ही एसओजी के साथ मिलकर काम कर रही थी। यह गैंग इतना शातिर था कि पकड़ा न जाये इसलिये मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल नहीं करता था। हालांकि इस गैंग की चालाकी तब धरी की धरी रह गई जब सीसीटीवी के माध्यम से मिली लीड के बाद इस गैंग को सर्विलांस के माध्यम से पकड़ लिया गया। पुलिस ने इस गैंग के तेइस सदस्य पकड़े हैं जिनमे से सभी झारखण्ड में हज़ारीबाग़ ज़िले के रहने वाले हैं। पुलिस के मुताबिक यह गैंग राजस्थान, झांसी और लखनऊ में घटनाओं को अंजाम देकर यहां पहुंचा था। ज़िले में दो घटनाओं के बाद ही यह गैंग पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस के मुताबिक इस गैंग की महिलाएं ग्रामीण इलाकों में जाकर खुद को संस्था से जुड़ा बताकर टूटे फूटे बर्तन के बदले बिना कोई पैसा लिए नये बर्तन दे देती हैं। ग्रामीण महिलाओं पर विश्वास जमाने के बाद यह लुटेरी महिलाएं अगले दिन फिर गांव में पहुंचती हैं और संस्था की स्पेशल स्कीम बताकर उनसे पुराने आभूषण के बदले नये आभूषण देने का वायदा कर लेती है। क्योंकि ग्रामीण महिलाओं को इन पर विश्वास जम चुका होता है इसलिये लालच में फँसकर वह लोग अपने सोने चांदी के टूटे फूटे ज़ेवरात उनके हवाले कर देती हैं। उधर आभूषण पाते ही यह महिलाएं फरार हो जाती हैं। पुलिस ने इस गैंग के 23 सदस्यों समेत लूटे गये सोने व चांदी के आभूषण भी बरामद किये हैं।