मूल तथा जमीनी कांग्रेजनों को राहुल गाँधी देंगे महत्व : लक्ष्मी कान्त शर्मा।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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सादगी और समर्पण की मिसाल है राहुल गाँधी: लक्ष्मी कान्त शर्मा।
कुरुक्षेत्र : राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस का एक नया स्वरूप बनने वाला है तथा अब मूल व जमीनी कांग्रेसजनों को महत्व ज्यादा मिलेगा। यह शब्द वरिष्ठ कांग्रेस नेता तथा प्रदेश प्रवक्ता लक्ष्मी कान्त शर्मा एडवोकेट ने भारत जोड़ो यात्रा में लगातार चार दिन हिस्सा लेने के बाद कहे। उन्होंने कहा उन्होंने पानीपत के कोंड गांव से लेकर अम्बाला तक चार दिन पैदल यात्रा की है। इस दौरान श्री राहुल गाँधी से तीन बार उनकी मुलाकात हुई। उन्होंने बताया की सबसे पहले दिन कोंड पानीपत में यात्रा के दौरान उन्होंने राहुल गाँधी से मुलाकात की। उन्होंने राहुल से बात करते हुए कांग्रेस के मूल, समर्पित तथा जमीनी कार्यकर्ता को महत्व देने की बात कही जिस पर उनका जवाब एक दम स्पष्ट रूप से हाँ था। लक्ष्मी कान्त शर्मा ने कहा की वे उनकी सादगी, दृढ़ निश्चय तथा सम्पर्पण के कायल हैं। उन्होंने कहा की राहुल गाँधी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान न केवल मोहब्बत का संदेश दे रहे बल्कि देश से बेरोजगारी, महंगाई तथा नफरत को मिटाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा की भारत जोड़ो यात्रा का भाव दलगत राजनीती से कहीं ऊपर है और इसीलिए राहुल गाँधी के साथ लगभग सभी विपक्षी दल यात्रा को समर्थन दे रहे क्योंकि यह यात्रा देश के बुनियादी ढाचे को मजबूत करने के लिए है। यात्रा से न केवल कांग्रेस के आम कार्यकर्ता का मनोबल बढ़ा है बल्कि बेरोजगारी महंगाई की मार झेल रहे आम देशवासी के मन में भी राहुल एक उम्मीद बन कर आए हैं। जो लोग कल तक राहुल गाँधी की कार्यक्षमता पर सवाल उठा रहे थे आज उनके मुँह पर ताले लगे हैं। यह यात्रा की सफलता का ही परिणाम है की संघ और भाजपा के लोग मस्जिद, गुरुद्वारे यहाँ तक की क्रिसमिस का भोज आयोजित करने लगे। यात्रा में राहुल गाँधी ने छोटे बड़े नेता तथा आम कार्यकर्ता के अंतर को मिटाया कर सबसे एक समान मुलाकात और बात की है जो निश्चित तौर पर कांग्रेस कहीं ज्यादा मजबूत करेगी। भारत जोड़ो यात्रा गाँधी से गाँधी तक की यात्रा भी है। उन्होंने कहा राहुल गाँधी के धैर्य का भी इस बात पता चलता है की पानीपत कोंड, कुरुक्षेत्र तथा शाहबाद में जब वे राहुल जी से यात्रा के दौरान मिले तो हर बार उन्होंने बात को उसी धैर्य से सुना।