भाई बहनों का रक्षाबंधन त्योहार की बड़ी धूम
आजमगढ़। जिले में रक्षाबंधन का पवित्र त्यौहार की बड़ी रही धूम बहनों ने भाइयों के हाथों पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र के लिए हाथ में बाधा रक्षा कवच भाईयों बहन का ये त्यौहार एक दूसरे के सुरक्षा कवच को दर्शाता है रक्षा बंधन का शाब्दिक अर्थ रक्षा करने वाला बंधन मतलब धागा है। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि रक्षा कवच का वह बंधन जो एक भाई अपनी बहन को हर समस्याओं / कठिनाइयों में बचाने का सौगंध देता है । अगर पुराणों में जाकर देखें तो हम पाएंगे कि द्रोपदी ने भगवान कृष्ण को अपना भाई माना था वह वक्त बहुत ही दुखदाई होने वाला था जब द्रोपती का भरी सभा में चीरहरण हो रहा था दुनिया के सारे रिश्ते जिसको द्रोपती सांसारिक मोहमाया से बधते हुए बड़ी हुई थी ।वो रिश्ते कभी भी उसके मान सम्मान और लाज बचाने के लिए आगे नहीं आए। लेकिन रक्षाबंधन का एक ऐसा रिश्ता जिससे भगवान श्री कृष्ण भी अपने आप को मुक्त नहीं पाए वह बहनों को गौरवान्वित करने वाला होता है ।भगवान द्रोपति के पुकार पर चाहते और न चाहते हुए भी उसकी लाज बचाने आ जाते हैं ऐसा बंधन है रक्षाबंधन।इस पर्व में बहनें अपने भाई के कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और बदले में भाई जीवन भर उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं। रक्षा बंधन को राखी या सावन के महिने में पड़ने के वजह से श्रावणी व सलोनी भी कहा जाता है। यह श्रावण माह के पूर्णिमा में पड़ने वाला हिंदू तथा जैन धर्म का प्रमुख त्योहार है।
ऐसा ही रक्षाबंधन का माहौल हर घरों में देखने को मिला जिसको न्यूज़ टीम ने रक्षाबंधन के खुशहाल पल को अपने कैमरे में कैद कर लिया। उम्र का सिलसिला चाहे कितना भी बड़ा हो जाए हर वह बहन उम्र के पड़ाव को दरकिनार करते हुए अपने भाई के पास जरूर पहुंचती है ।आइए देखते हैं खुशनुमा पल।