देश में तेजी से बढ़ रहे लीवर, दिल के रोगी, जांच और इलाज दोनों आसान : डा. राजीव

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877

इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के विशेषज्ञों ने कहा- बीमारियों की समय पर पहचान के लिए देश के ज्यादातर हिस्सों में जांच आसानी से उपलब्ध।
95 फीसदी एंजियोप्लास्टि के मामलों में नहीं पड़ती किसी और उपचार की जरूरत।
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स 24 घंटे अत्याधुनिक तकनीकों के जरिए कर रहा मरीजों की देखभाल।
हॉस्पिटल के वरिष्ठ चिकित्सकों ने प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से दी जानकारी।

हिसार, 27 मई : देश में लीवर और दिल की बीमारियों से पीडि़त मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यह स्थिति दुनिया के दूसरे देशों में भी देखने को मिल रही है। हालांकि भारत में इन बीमारियों से बचने के लिए जांच और इलाज दोनों ही उपलब्ध हैं। यह कहना है इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के विशेषज्ञों का। हिसार में एक प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के कार्डियोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. राजीव राजपूत ने कहा कि इन बीमारियों की समय पर पहचान के लिए देश के ज्यादातर हिस्सों में जांच आसानी से उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि लोगों में लीवर और दिल से जुड़ी बीमारियां बहुत आम हो गई हैं। इसलिए लोगों में इन बीमारियों के उपचार को लेकर जागरूकता लाना बहुत जरूरी है।
इस दौरान इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के लीवर ट्रांसप्लांट विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. नीरव गोयल ने बताया कि लीवर ट्रांसप्लांट के तौर तरीके और इसके बारे में कई अहम जानकारियां साझा कीं। डॉ. नीरव गोयल ने बताया कि भारत में लीवर को लेकर चिकित्सीय देखभाल कैसे विकसित हुई है। उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान लीवर की बीमारियों से पीड़ित मरीजों को उनके गृह क्षेत्र में ही उपचार से जुड़ी प्राथमिक जानकारियां उपलब्ध कराने में है। हमारी समग्र दृष्टि अन्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की मदद से लोगों को समय पर निदान और उनके शहर के भीतर शीघ्र उपचार का लाभ प्रदान करना है। दरअसल देश भर में मरीजों को उन्नत उपचार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अपोलो हॉस्पिटल्स की ओर से संचालित पहल के एक हिस्से के रूप में यह कार्यक्रम संचालित किया गया।
कार्यक्रम में डॉ. राजीव राजपूत, सीनियर कंसल्टेंट, कार्डियोलॉजी विभाग, इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स, नई दिल्ली ने बताया कि देश में हृदय रोग की वजह से हर साल काफी लोगों की मौत हो रही है। समय पर जांच या फिर उपचार न मिलने की वजह से ये बीमारियां लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही हैं। यह स्थिति तब है जब देश के अधिकांश हिस्सों में ईसीजी, इकोकार्डियोग्राम, रक्त परीक्षण और टीएमटी जैसे सरल परीक्षण आसानी से उपलब्ध हैं और लगभग सभी मामलों में सही निदान कर सकते हैं।
एक सवाल पर उन्होंने कहा कि उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह, धूम्रपान और आनुवंशिक कारणों की वजह से हृदय रोग बढ़ रहा है। अक्सर इन बीमारियों के लक्षण गुमराह करने वाले होते हैं और दिल की बीमारियों के कई मरीजों पर ध्यान नहीं जाता और समय पर इलाज नहीं मिल पाता है। जबकि इन हृदय रोगों को रोकने के लिए दैनिक व्यायाम, स्वस्थ आहार और तनाव मुक्त जीवन जीना बहुत महत्वपूर्ण है। यदि आपको किसी भी प्रकार के लक्षण हैं तो आपको अपने स्थानीय चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए और उचित निदान प्राप्त करना चाहिए।
मरीज की चिकित्सीय यात्रा के साथी बनें हम
डॉ. नीरव गोयल, सीनियर कंसल्टेंट, लीवर ट्रांसप्लांट, इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स, नई दिल्ली ने कहा अपोलो के अस्पतालों में हम हमेशा ही महानगरों के अलावा छोटे शहर, कस्बा और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने में विश्वास रखते हैं। हमारा हमेशा से यही प्रयास रहता है कि हम रोगी की चिकित्सा यात्रा में एक विश्वसनीय साथी बनें जांच से लेकर उपचार और उसके पूरी तरह से स्वस्थ होने तक उत्तम देखभाल सुनिश्चित करते हैं। इसलिए देश के विभिन्न शहरों में लोगों के बीच स्वास्थय के प्रति जागरूकता के उद्देश्य पर लगातार कार्य कर रहे हैं।’
घबराएं नहीं, पूरी तरह से सुरक्षित है बाइपास सर्जरी।
डॉ. राजीव राजपूत, सीनियर कंसल्टेंट, कार्डियोलॉजी विभाग, इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स, नई दिल्ली ने बताया कि दिल की बीमारियों से ग्रस्त कुछ मरीजों को एजियोग्राफी की आवश्यकता हो सकती है जो बहुत सुरक्षित है। महज कलाई के जरिए ही यह प्रक्रिया को पूरा किया जा सकता है। इसमें दर्द या फिर अन्य जोखिम का डर भी नहीं होता है। जांच के दौरान यदि किसी तरह का ब्लॉकज मिलता भी है तो उसे एंजियोप्लास्टी (स्टेंट डालना) के जरिए निपटा जा सकता है। इसमें किसी भी तरह का डर नहीं होना चाहिए। यह पूरी तरह से सुरक्षित है। कुछ मामलों में बाईपास सर्जरी की जरूरत पड़ती है जोकि एंजियोप्लास्टि की भांति सुरक्षित और आसान है। अधिकांश रोगी एक महीने के भीतर अपने सामान्य कर्तव्यों को फिर से शुरू कर सकते हैं।
95 फीसदी मामलों में एंजियोप्लास्टि ही काफी
डॉ. राजीव राजपूत, सीनियर कंसल्टेंट, कार्डियोलॉजी विभाग, इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स, नई दिल्ली ने बताया, ‘95 प्रतिशत रोगियों में एंजियोप्लास्टि के बाद किसी और उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। अपोलो हॉस्पिटल्स में सातों दिन 24 घंटे अत्याधुनिक तकनीकों की मदद से मरीजों की देखभाल की जा रही है। हमारे पास एक सक्रिय हार्ट फेलियर यूनिट है। जहां उन्नत उपचार उपलब्ध है। इसके जरिए हार्ट ट्रांसप्लांट या बाएं वेंट्रिकल कसहायता उपकरणों के साथ उपचार किया जाता है। इतना ही नहीं हमारे यहाँ हृदय रोगियों की देखभाल में मनोवैज्ञानिक परामर्श, आहार परामर्श और पुनर्वास कार्यक्रमों का भी सक्रिय रूप से उपयोग किया जाता है।

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