रामायण पाठ से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है तथा मन शांत होता है : महंत जगन्नाथ पुरी

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 94161-91877

रामायण पाठ से प्रारम्भ हुआ ऋषि मार्कण्डेय प्राकट्योत्सव।
श्री मार्कण्डेश्वर महादेव मंदिर में सर्वकल्याण की भावना से ऋषि मार्कण्डेय प्राकट्योत्सव पर रामायण पाठ का आयोजन।

कुरुक्षेत्र, 19 अक्तूबर : मारकंडा नदी के तट पर श्री मार्कण्डेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां जी में सर्वकल्याण की भावना से शरद पूर्णिमा के अवसर पर अखिल भारतीय श्री मार्कण्डेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी व अन्य संतों के सान्निध्य में रामायण पाठ के साथ दो दिवसीय भव्य एवं विशाल प्राकट्योत्सव समारोह का शुभारम्भ हुआ। इस अवसर पर मुख्य यजमान आर्यन शर्मा, साहिल शर्मा, कन्हैया शर्मा, विनेश कुमार, सोनू शर्मा, प्रवेश कुमार, सतीश कुमार, रिंकू शर्मा तथा बिट्टू शर्मा के परिजन द्वारा विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ विद्वान ब्राह्मणों प. माया चंद शर्मा, प. अश्वनी शर्मा, प. विक्रम शर्मा व आचार्य तरसेम शर्मा से पूजन करवाकर रामायण पाठ का शुभारम्भ किया गया। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि रामायण ऐसा ग्रंथ है जिसमें केवल भगवान श्री राम और रावण की कथा ही नहीं है बल्कि इस के माध्यम से माध्यम से मनुष्य जीवन की मर्यादा के साथ धर्म और अधर्म के बारे में बताया गया है। उन्होंने बताया कि जो कोई मनुष्य नियमित रामायण का पाठ करता है तो उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है, मन को शांति मिलती है और विचारों की नकारात्मकता दूर होती है। रामायण पाठ कर रहे आचार्य प. माया चंद ने बताया कि रामायण ऐसा महान ग्रंथ है, जिसे केवल अध्ययन ही नहीं करना चाहिए बल्कि इसके आदर्शों को जीवन में उतारना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अपने संस्कारों के अनुसार प्रतिदिन रामायण का थोड़ा-थोड़ा पाठ अवश्य करना चाहिए। जो रामायण सार के प्रचलित मंत्र का पाठ रोज करते हैं, उन्हें रामायण पढ़ने के बराबर पुण्य मिलता है। इसे एक श्लोकी रामायण भी कहते हैं। प. अश्वनी शर्मा ने कहा कि इस मंत्र का जाप घर के मंदिर में करना चाहिए। इस मंत्र के जाप से शांति होने लगती है। इससे बुरे विचारों से छुटकारा मिल जाता है। नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है। पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करने से भगवान की कृपा जल्दी मिल सकती है। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि रामायण पाठ का समापन 20 अक्तूबर को होगा। इसके उपरांत ऋषि मार्कण्डेय महाराज का महाभिषेक एवं पूजन होगा। इस में मास्टर पुरुषोत्तम डोगरा एवं उनके परिजन विशेष यजमान होंगे। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि 20 अक्तूबर को ही ऋषि मार्कण्डेय प्राकट्योत्सव का विधिवत संत महापुरुषों के आशीर्वाद से समापन होगा तथा हवन की पूर्णाहुति डाली जाएगी। साथ ही भंडारे का आयोजन होगा। उन्होंने बताया कि इस रामायण पाठ में स्वामी सीताराम, स्वामी संतोषानंद, प्रमुख समाजसेवी मा. मामराज मंगला, कृष्णा देवी, विकास पुरी, आमदास बावा, मान सिंह मालवा, रामपाल, पाला राम, शंटी संधू, श्रवण सिंह, नसीब सिंह, साहब सिंह, सुक्खा सिंह, सरजा सिंह, नाजर सिंह, सरवन सिंह व राजिंदर सिंह इत्यादि सहयोग कर रहे हैं।
श्री मार्कण्डेश्वर महादेव मंदिर में रामायण पाठ के शुभारम्भ अवसर पर पूजन करते हुए महंत जगन्नाथ पुरी व अन्य।

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