सागर मलिक
रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा में अहम भूमिका निभाने वाले घोड़ा खच्चरों का पंजीकरण मेडिकल प्रमाण पत्र एवं बीमा के बाद ही किया जा रहा है। जिला पंचायत ने पशुपालन एवं जीमैक्स के सहयोग से विभिन्न स्थानों पर शिविरों के माध्यम से अब तक 3303 घोड़ा खच्चरों का पंजीकरण किया है। 15 अप्रैल से सोनप्रयाग में नियमित पंजीकरण का कार्य शुरू किया जाएगा।
आगामी 25 अप्रैल को विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खोले जाएंगे, जिसको लेकर शासन-प्रशासन एवं संबंधित विभाग तैयारियां में जुटे हैं, ताकि यात्रा से पूर्व व्यवस्थाएं चाक चौबंद हो सकें। विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी जिला पंचायत रोस्टर के अनुसार शिविर लगाकर घोड़ा खच्चरों के पंजीकरण करने में जुटी है।
शिविर में घोड़े-खच्चरों का मेडिकल व बीमा के उपरांत ही यात्रा में सेवाएं देने के लिए उन्हें लाइसेंस दिए जा रहे हैं। इस मौके पर जिला पंचायत के कर निरीक्षक ज्ञानेन्द्र बगवाडी व दिनेश नौटियाल, बलवीर नेगी, पशुपालन के डाक्टर एवं जीमैक्स के कर्मी मौजूद थे।
छेनागाड़ में 208, नागजगई में 105, नारायणकोटी में 101, चंद्रापुरी में 180, कालीमठ में 107, जाल मल्ला में 275, मैखंडा में 116, बड़ासू में 188, खुमेरा में 111, जाखधार में 268, साल्या में 140, ल्वारा में 132, गौरीकुंड में 73, सीतापुर 269, बडेथ में 51, नैनी पौंडार में 57, जखोली बडमा में 201, राऊंलेक में 278, मनसूना में 263 एवं बांसवाडा में 180 घोडा खच्चरों का पंजीकरण कार्य पूरा हो गया है। छह अप्रैल को त्रियुगीनारायण व सिरसौली में शिविर आयोजित किए जाएंगे। 15 अप्रैल से सोनप्रयाग व गौरीकुंड कैम्प कार्यालय से पंजीकरण व लाइसेंस बनाने का कार्य संपादित किया जाएगा।
जिला पंचायत रुद्रप्रयाग के कर अधिकारी गोविंद प्रसाद तिवारी ने कहा कि शिविरों के माध्यम से अब तक 3303 घोड़ा-खच्चरों का पंजीकरण हो चुका है। छह अप्रैल को अंतिम पंजीकरण के बाद 15 अप्रैल से सोनप्रयाग में पंजीकरण कार्य किया जाएगा। जो घोड़ा-खच्चर पंजीकरण कराने से रह गए हैं उनका सोनप्रयाग में पंजीकरण किया जाएगा।