वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की अनूठी पहल, इंडस्ट्री की प्रॉब्लम को बनाया जाएगा रिसर्च टॉपिक।
33 स्कॉलर का हुआ पंजीकरण,प्रोफेसर के साथ-साथ इंडस्ट्री एक्सपर्ट भी करेंगे गाइड।
पलवल : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय इंडस्ट्री की प्रॉब्लम पर रिसर्च करेगा। विश्वविद्यालय के रिसर्च स्कॉलर और इंडस्ट्री एक्सपर्ट मिल कर यह काम करेंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय में 33 पीएचडी रिसर्च स्कॉलर का पंजीकरण किया गया है। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने पीएचडी रिसर्च स्कॉलर्स के ओरिएंटेशन के साथ शोध सत्र की शुरुआत की। उन्होंने शोधार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह शोध समाज, देश और दुनिया के काम आना चाहिए। विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में उद्योग की बड़ी भूमिका है। यद्यपि उद्योग जगत के सामने काफी चुनौतियां भी हैं। इन चुनौतियों को चिन्हित करके श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के विद्यार्थी शोध करेंगे। इस काम में इंडस्ट्री एक्सपर्ट उनके साथ होंगे। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने सबसे पहले इंडस्ट्री की चुनौतियों पर शोध कर उन्हें आगे बढ़ाने की पहल की है। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने सभी शोधार्थियों से ईमानदारी और मेहनत से शोध करने का आह्वान किया।
कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि सभी शोधार्थियों को इंडस्ट्री के साथ अपने विषय को एकीकृत करना होगा और इसमें समय प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण है। विद्यार्थी अपने लक्ष्य पर केंद्रित होकर पूरी एकाग्रता से शोध करें। इसके बेहतरीन परिणाम सामने आएंगे।
अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने सभी शोधार्थियों से गुणवत्तापरक शोध करने का आह्वान किया। डीन रिसर्च एवं डेवलपमेंट प्रोफेसर कुलवंत सिंह ने सभी शोधार्थियों का स्वागत करते हुए कहा कि देश और समाज को उनसे बहुत उम्मीदें हैं। किसी भी देश का उद्योग रिसर्च के माध्यम से समस्याओं को दूर कर आगे बढ़ सकता है। उन्होंने बताया कि 142 विद्यार्थियों ने पीएचडी के लिए आवेदन किया था। उनमें से 33 का पंजीकरण किया गया है। जल्दी ही अगले बैच के लिए तारीखों का ऐलान किया जाएगा।
इस अवसर पर प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव, प्रोफेसर ऋषिपाल, प्रोफेसर सुरेश कुमार, प्रोफेसर जॉय कुरियाकोजे, प्रोफेसर ऊषा बत्रा और प्रोफेसर ए के वातल भी उपस्थित थे।
रिसर्च स्कॉलर और प्रोफेसरों को संबोधित करते कुलपति डॉ. राज नेहरू।