रिर्जवरेशन सीट बुक कराने वाले यात्री भी लोकल डिब्बे के जैसा यात्रा करने विवश । अब ट्रेन में सफर करना भी मुश्किल से लग रहा है जहा रिर्जवरेशन के सीट पर केवल 3 लोग बैठ सकते है वही 5 लोगो ने सीट बैठ कर बुक की गई सीट को चालू बना रखा है। सीट बुक करने वाला यात्री यदि कुछ बोले तो उसे भी तमाम प्रकार की परेशानियों का सामान करना पड़ता है। कही न कही ट्रेन के टीटी मलाई खाने में व्यस्त हैं। केवल ट्रेन से उतरने के बाद ही यात्रियों को परेसान किया जाता है। ट्रेन के अंदर कितने लोगों की सीट बुक है और कौन लोग बिना टिकट के यात्रा करते हैं उससे मतलब नही। भर्ष्टाचार जैसे चरम सीमा पर पहुच गई है सरकार ऐसे टीटी और ऐसे अधिकारियों पर लगाम लगाये कही ऐसा न हो जाए कि यात्री टिकट कटा कर यात्रा करे और बिना टिकट के यात्रा करने वाले लोग सफर का आनंद लें।
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