लखनऊ:विधानमंडल दल के नेता शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली का इस्तीफा, बसपा को पूर्वांचल में लगा बड़ा झटका

बहुजन समाज पार्टी में विधानमंडल दल के नेता शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने आज पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। आजमगढ़ के मुबारकपुर से विधायक शाह आलम को मायावती ने बीती जून में ही विधानमंडल दल का नेता बनाया था।
बहुजन समाज पार्टी में विधानमंडल दल के नेता शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली

लखनऊ, वैशवारा

 उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी को लगातार झटके लग रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती को पार्टी के विधायक तथा विधानमंडल दल के नेता शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने गुरुवार को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।

बहुजन समाज पार्टी में विधानमंडल दल के नेता शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने आज पार्टी में सभी पद तथा विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। आजमगढ़ के मुबारकपुर से विधायक शाह आलम को पार्टी की मुखिया मायावती ने बीती जून में ही विधानमंडल दल का नेता बनाया था। तीन जून को मायावती ने लालजी वर्मा व रामअचल राजभर को पार्टी से बाहर करने के बाद शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को नेता विधानमंडल दल बनाया था। अब शाह आलम ने बसपा के सभी पदों से इस्तीफा दिया है। उन्होंने पार्टी की मुखिया मायावती को अपना इस्तीफा सौंपा है।

शाह आलम ने इस्तीफा में लिखा है कि भारी मन से विधानसभा सदस्य तथा बसपा के हर पद से इस्तीफा दे रहा हूं। उन्होंने पार्टी की 21 नवंबर की बैठक का हवाला देते हुए लिखा है कि 2012 से पार्टी के प्रति निष्ठावान रहा और पार्टी की तरफ से मिली हर जिम्मेदारी को बखूबी निभाया भी, लेकिन लगता है मेरी उपेक्षा की जा रही है। ऐसे में अब आगे साथ रहने की कोई वजह नहीं है। उन्होंने पत्र में जिक्र किया कि पिछले दिनों जो बातचीत हुई थी, उससे ऐसा लगता है कि आपको मेरे ऊपर विश्वास नहीं है, ऐसी स्थिति में मैं पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं। उत्तर प्रदेश का आजमगढ़ बसपा का गढ़ माना जाता है, लेकिन वंदना सिंह के बाद सुखदेव राजभर और शाह आलम के पार्टी को छोड़ देने से पार्टी को बड़ा झटका लगा है। आजमगढ़ के दस विधानसभा क्षेत्र में से बसपा के पांच तथा समाजवादी पार्टी के चार विधायक थे।

शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली आजमगढ़ के मुबारकपुर से 2012 तथा 2017 में विधानसभा का चुनाव जीते हैं। इसके साथ ही पार्टी ने उनको 2014 में आजमगढ़ से लोकसभा का चुनाव लड़ा और उनको दो लाख 70 हजार से अधिक वोट मिले। वर्ष 2012 व 2017 में लगातार मुबारकपुर से विधायक चुने गए शाह आलम पार्टी सुप्रीमो के विश्वास पात्र लोगों में थे। बीते वर्ष फरवरी में एक महिला ने जमाली पर यौन उत्पीड़न का भी आरोप लगाया था।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से निष्कासित के छह विधायकों ने हाल ही में समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था। इनमें जौनपुर जिले की मुंगराबादशाहपुर विधानसभा सीट से विधायक सुषमा पटेल, सीतापुर के सिधौली से विधायक हरगोविंद भार्गव, हापुड़ के धौलाना से विधायक असलम चौधरी, श्रावस्ती से विधायक असलम राइनी, प्रयागराज के हंडिया से विधायक हाकिम लाल बिंद और प्रयागराज के प्रतापपुर विधायक मुज्तबा सिद्दीकी शामिल हैं। इनके बाद लालजी वर्मा तथा रामअचल राजभर ने भी समाजवादी पार्टी का दामन थामा है। इन सभी के साथ ही आजमगढ़ के सगड़ी से विधायक वंदना सिंह भाजपा में शामिल हो गई हैं।

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