कर्म की साधना का प्रतिफलन है महाभारत की द्रौपदी का अभिनय : रूपा गांगुली

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

दो साल तक सुबह पांच बजे से शाम के 7 बजे तक चली थी महाभारत की शूटिंग।
फिल्म महोत्सव में अभिनेत्री रूपा गांगुली ने विद्यार्थियों से हुए रूबरू।

कुरुक्षेत्र, 8 अगस्त : मशहूर फिल्म अभिनेत्री रूपा गांगुली ने कहा कि व्यक्ति को अपना कर्म पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ करना चाहिए। यदि आप अपने कर्म को साधना मानकर करोगे तो जीवन में निश्चित तौर पर सफलता मिलेगी। कर्म की साधना का प्रतिफलन ही उनके लिए महाभारत की द्रौपदी का अभिनय करना है। वे गुरुवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग तथा संस्कृति सोसाइटी फॉर आर्ट्स एंड कल्चरल डेवलपमेंट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 7वें हरियाणा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के दूसरे दिन ऑडिटोरियम हॉल में छात्रों से रूबरू होकर संवाद करते हुए बोल रही थी। इस मौके पर छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एआर चौधरी ने मुख्यातिथि रूपा गांगुली को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की कॉफी टेबल भेंट की। इस मौके पर अभिनेता अखिलेन्द्र मिश्र, महोत्सव निदेशक धमेन्द्र डांगी, विकास, प्रो. विवेक चावला, सौरभ चौधरी, प्रो. शुचिस्मिता मौजूद थे। संवाद कार्यक्रम का संचालन शांतनु ने किया।
अभिनेत्री रूपा गांगुली ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन के आरम्भिक दौर में बड़ी कठिनाईयों का सामना किया लेकिन कभी भी वे अपने कर्म के मार्ग से विमुख नहीं हुई। उन्होंने जीवन में जो सोचा उसे प्राप्त किया। यही कारण है कि किताबे खरीदने और फीस भरने तक के पैसे न होने के बावजूद उन्होंने कठिन परिश्रम कर हमेशा मेरिट में स्थान पाया। प्रत्येक काम साधना के साथ होता है। हिंदी ठीक न होना और फिर महाभारत में अभिनय करना यह सब साधना के बल पर ही हुआ। दो साल तक उन्होंने सुबह पांच बजे से शाम के 7 बजे तक महाभारत की शूटिंग में कार्य किया और कभी भी थकावट और लेट लतीफी उनके जीवन में नहीं आई। उन्होंने बताया कि महाभारत के सेट पर तय था कि जो भी लेट होगा उसे पचास रूपये का जुर्माना लगेगा। दो साल तक उन्हें कभी भी जुर्माना नहीं लगा।
अभिनेत्री रूपा गांगुली ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि सभी युवा अपने माता-पिता की बाते माने क्योकिं उनके माता-पिता उनसे ज्यादा अनुभवी हैं और डिजीटल मीडिया का उपयोग सोच-समझकर और जीवन में आगे बढ़ने के लिए करना चाहिए। प्रत्येक छात्र को समय के महत्व को समझते हुए उचित समय पर मेहनत करनी चाहिए। अगर यह समय निकल गया तो यह समय जीवन में दोबारा नहीं आएगा और आप जीवन में पीछे रह जाओगे। पढ़ाई के समय को व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति के जीवन में मौके आते हैं और व्यक्ति को अपने कर्म के द्वारा ही आगे बढ़ना चाहिए।

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