लोकतंत्र में नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित कर रहा है आरटीआई।

लोकतंत्र में नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित कर रहा है आरटीआई।

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 94161-91877

अधिनियम यशपाल सिंघल
पारदर्शिता कुशल एवं प्रभावी तंत्र का प्रतीक : प्रो. सोमनाथ।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के लीगल सेल द्वारा आरटीआई अधिनियम पर व्याख्यान आयोजित।

कुरुक्षेत्र, 22 जनवरी :- मुख्य सूचना आयुक्त हरियाणा यशपाल सिंघल ने कहा कि सार्वजनिक हित के लिए ईमानदारी से सूचनाएं देना प्रत्येक अधिकारी का कर्त्तव्य है इसलिए सभी आरटीआई अधिनियम 2005 का अध्ययन करें व उसी के अनुसार सूचनाएं उपलब्ध करवाएं। वे शुक्रवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में विश्वविद्यालय के लीगल सैल द्वारा आयोजित ‘सूचना अधिकार अधिनियम 2005’ विषय पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान देश के नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार देता है परंतु सूचना और पारदर्शिता के अभाव में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का कोई महत्त्व नहीं रह जाता। सूचना का अधिकार भारत जैसे बड़े लोकतंत्रों को मजबूत करने और उनके नागरिक केंद्रित विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 भारत सरकार का एक अधिनियम है, जिसे नागरिकों को सूचना का अधिकार उपलब्ध कराने के लिये लागू किया गया है। इस अधिनियम के माध्यम से राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद व राज्य विधानमंडल के साथ ही सर्वोच्च न्यायालय जैसे संवैधानिक संस्थानों से लेकर छोटे-छोटे निकाय कार्यालय भी सूचना के दायरे में आते है। इसलिए सूचना का अधिकार लोकतंत्र में नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु एक महत्त्वपूर्ण उपकरण है।
उन्होंने कहा कि हालांकि कुछ चुनौतियाँ जैसे जागरूकता की कमी, दफ्तरों में अभिलेखों के संरक्षण की कमजोर व्यवस्था आदि के वाबजूद यह अधिनियम सरकार और सरकारी विभाग और अधिक जवाबदेह बनते हैं एवं उनके कार्यों में पारदर्शिता आती है तथा सार्वजनिक प्राधिकरण द्वारा अनावश्यक गोपनीयता को हटाकर निर्णयन में सुधार करता है। एक संस्थान के नजरिए से यह जरूरी है कि हम सूचना के अधिकार कानून का पूरी ईमानदारी के साथ पालन करें। उन्होंने आरटीआई अधिनियम 2005 में उल्लेखित विभिन्न नियमों पर प्रकाश डालते हुए विश्वविद्यालय के एसपीआईओ, पीआईओ, प्रथम सूचना अधिकारियों के कार्यो के बारे में विस्तार से बताया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा है कि प्रशासन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से आरटीआई सूचना अधिकार अधिनियम 2005 महत्वपूर्ण है। कुलपति ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने पारदर्शी प्रशासन व्यवस्था के लिए हमेशा ही इस अधिनियम का मौलिक रूप से पालन किया है। कुलपति प्रो. सोमनाथ ने कहा कि सुशासन की विशेषता यह होती है कि वह जवाबदेह, न्यायसंगत, कुशल और समावेशी होता है। पारदर्शिता कुशल एवं प्रभावी तंत्र का प्रतीक है क्योंकि सार्वजनिक प्रणाली पर आम नागरिकों का विश्वास ही लोकतंत्र की नींव है। आरटीआई अधिनियम 2005 भारतीय लोकतंत्र में एक महत्त्वपूर्ण बदलाव है। यह नागरिकों को सूचनाओं तक पहुँच प्रदान करता है जो बदले में अधिक सामुदायिक आवश्यकताओं के प्रति सरकार को जवाबदेह बनाता है। कुलपति प्रो. सोमनाथ ने कहा कि भारतीय संविधान में शासन के महत्त्व को स्पष्ट रूप से रेखांकित किया गया है जो कि लोकतंत्र, कानून का शासन और लोगों के कल्याण के लिये प्रतिबद्ध है। आरटीआई अधिनियम शासन में जवाबदेही सुनिश्चित करने के अलावा लोक सेवा में ईमानदारी, सार्वजनिक प्रक्रिया का अनुपालन सुनिश्चित कराने में सहायक सिद्ध हो रहा है। जिसके कारण लोकतंत्र को मजबूती, लोक प्रशासन में पारदर्शिता एवं सामर्थ्य को बढ़ावा मिल रहा है।
कार्यक्रम संयोजक एवं लीगल सेल के इंचार्ज प्रो. सुनील यादव ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम की भूमिका पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि आरटीआई अधिनियम 2005 की दृढ़ता से पालना हेतु कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय प्रशासन ने 100 से ज्यादा जनसूचना अधिकारी बनाए हुए हैं जो विभिन्न विभागों में किसी भी सूचना से संबंधित आवेदनों पर तय समयसीमा में जानकारी उपलब्ध करवाते हैं। किंतु इन आवेदनों के निपाटन में कई कानूनी पेचीदगियां भी निकल आती है, जिससे इन जनसूचना अधिकारियों का काम प्रभावित होता है। इसलिए समय-समय पर संबंधित विषय पर ऐसे कार्यक्रम इस प्रकार की जटिलता को कम करने में सहायक होते हैं ताकि कानून की अनुपालना निरंतर जारी रहे।
इसके उपरांत मुख्य सूचना आयुक्त ने सभागार में उपस्थित जन सूचना अधिकारियों के उन प्रश्नों के जवाब भी दिए जो प्रतिदिन आवेदनों के निपटान में जटिलता उत्पन्न करते है।
कार्यक्रम के अंत में कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कार्यक्रम के मुख्य वक्ता को स्मृति चिन्ह् भेंट किया तथा कार्यक्रम संयोजक एवं लीगल सेल के इंचार्ज प्रो. सुनील यादव ने सभी अतिथियों का धन्यवाद व्यक्त किया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, सहित विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता, निदेशक, विभागाध्यक्ष शिक्षक, अधिकारी, प्रथम सूचना अधिकारी एवं जनसूचना अधिकारी आदि मौजूद रहे।

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