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ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी की मौजूदगी में सर्वकल्याण के लिए हुआ अनुष्ठान।
कुरुक्षेत्र, 19 अगस्त : ब्रह्मसरोवर के तट पर जयराम विद्यापीठ में देशभर में संचालित जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी के सान्निध्य में ब्रह्मचारियों एवं विद्वान ब्राह्मणों ने सर्वकल्याण की भावना से रुद्राभिषेक किया। यह रुद्राभिषेक एक हजार आठ बेलपत्रों के साथ दिल्ली से आए यजमान मोहन प्रकाश गुप्ता, वीना गुप्ता, सुरेश मित्तल एवं दक्षा बेन जेनी ने करवाया। इसके उपरांत अनुष्ठान के समापन पर विद्यापीठ की मुख्य यज्ञशाला में हवन में आहुतियां दी गई और विश्व के दुर्लभ स्फटिक मणि शिवलिंग पर आरती की गई। ब्रह्मचारी ने बताया कि सावन महीने में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है और भोलेनाथ को बेलपत्र परमप्रिय है। भगवान शिव के अंशावतार हनुमान जी को भी बेल पत्र अर्पित करने से प्रसन्न किया जा सकता है और लक्ष्मी का वर पाया जा सकता है। घर की धन-दौलत में वृद्धि होने लगती है। उन्होंने बताया कि सावन महीने का पूजन अधूरी कामनाओं को पूरा करता है। शिव पुराण अनुसार सावन महीने में शिवालय में बेलपत्र चढ़ाने से एक करोड़ कन्यादान के बराबर फल मिलता है। बेलपत्र का चमत्कारी वृक्ष हर कामना को पूरी करता है। यही नहीं उसके पत्तों को गंगा जल से धोकर उन्हें बजरंगबली पर अर्पित करने से तीर्थों का फल मिलता है। इसके बारे में तुलसीदास जी ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के मुख से कहलवाया है, ‘शिवद्रोही मम दास कहावा. सो नर सपनेहु मोहि नहिं भावा.’ अर्थात: जो शिव का द्रोह करके मुझे प्राप्त करना चाहता है, वह सपने में भी मुझे प्राप्त नहीं कर सकता।
जयराम विद्यापीठ में अनुष्ठान के समापन पर आहुतियां देते हुए एवं स्फटिक मणि शिवलिंग पर आरती करते हुए।