विद्यापीठ में सर्व कल्याण की भावना से गुप्त नवरात्र पूजन व दुर्गा सप्तशती पाठ आयोजित।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष -9416191877
विद्यापीठ में हो रही है गुप्त नवरात्र पूजा।
कुरुक्षेत्र, 20 जून : जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से गुप्त नवरात्र के अवसर पर सर्व कल्याण एवं विश्व शांति के लिए निरंतर पूजन चल रहा है। मंगलवार को गुप्त नवरात्र के दूसरे दिन देवी तारा आराधना की गई।
इस मौके पर आचार्य प. राजेश प्रसाद लेखवार शास्त्री के मार्गदर्शन में ब्रह्मचारियों ने सर्व कल्याण की भावना से दुर्गा सप्तशती पाठ किया। आचार्य लेखवार ने बताया कि धर्म को मानने वाले तथा मां के भक्तों के लिए नवरात्रों की विशेष अहमियत होती है। शास्त्रों के अनुसार साल में चार बार नवरात्र आते हैं। इनमें आश्विन मास की नवरात्र सबसे प्रमुख माने जाते हैं। दूसरे प्रमुख नवरात्र चैत्र मास के होते हैं। इन दोनों नवरात्रों को शारदीय और वसंती नवरात्र के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा आषाढ़ और माघ मास की नवरात्र गुप्त होते हैं। इनके बारे में अधिक लोगों को जानकारी नहीं होती, इसलिए इन्हें गुप्त नवरात्र कहते हैं। हालांकि गुप्त नवरात्र का भी अपना खास महत्व है।
आचार्य लेखवार ने बताया कि प्रत्यक्ष नवरात्रों में देवी के नौ रूप और गुप्त नवरात्र में 10 महाविद्या की पूजा की जाती है। इस नवरात्र में देवी भगवती के भक्त कड़े नियम के साथ पूजा-अर्चना करते हैं। उन्होंने कहा कि आमजन सुबह-शाम दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। मां दुर्गा को लाल रंग के पुष्प ही चढ़ाएं। इस अवसर पर के. के. कौशिक, श्रवण गुप्ता, टेक सिंह, राजेश सिंगला, सतबीर कौशिक, रोहित कौशिक इत्यादि भी मौजूद रहे।
गुप्त नवरात्र के दूसरे दिन पूजन करते हुए।