बिहार:सदर अस्पताल में उपलब्ध हो सकेगी मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाएं

सदर अस्पताल में उपलब्ध हो सकेगी मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाएं

-तेजी से बढ़ते डिप्रेशन के मामलों को लेकर मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सचेत होना जरूरी
-बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिये सकारात्मक सोच व जीवनशैली में बदलाव जरूरी

अररिया संवाददाता

जिस तरह हम शारीरिक रूप से बीमार पड़ते हैं, ठीक वैसे ही हम मानसिक रोग के भी शिकार हो सकते हैं। कोरोना महामारी के कारण उपजी परिस्थितयों सहित आज के प्रतिस्पर्द्धात्मक दौर में मानसिक रोगों का खतरा काफी बढ़ चुका है। लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का आयोजन किया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक वर्ष 2030 तक देश में कैंसर, डायबिटीज से भी ज्यादा मरीज मानसिक बीमारियों के शिकार होंगे। मानसिक बीमारियों की गंभीरता को देखते हुए सरकार द्वारा सदर अस्पताल में विशेषज्ञ साइकोलॉजिस्ट की प्रतिनियुक्ति की गयी है। ताकि आम लोगों को मानसिक रोगों के प्रति जागरूक करते हुए उन्हें समुचित इलाज की सुविधा उपलब्ध करायी जा सके।

मानसिक स्वास्थ्य के लिये सकारात्मक सोच व जीवनशैली में बदलाव जरूरी :

सदर अस्पताल में कार्यरत साइकोलॉजिस्ट शुभम कुमार बताते हैं मानसिक बीमारी किसी के स्वास्थ्य की वैसी दशा है, जिसमें भावना, सोच व व्यवहार में परिवर्तन शामिल है। किसी निश्चित घटना को लेकर तनाव आपको मानसिक रूप से बीमार कर सकता है। इसके अलावा आनुवांशिक कारक, जैव रासायनिक असंतुलन, बाल दुर्व्यवहार व आघात, सामाजिक नुकसान, खराब शारीरिक स्वास्थ्य भी इसके लिये जिम्मेदार हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि मानसिक रोगों का इलाज संभव है। सकारात्मक सोच व जीवनशैली में बदलाव के जरिये इससे आसानी से निजात पायी जा सकती है। उन्होंने कहा कि सामाजिक व व्यावहारिक जीवन में हमें भावनात्मक रूप से मजबूत होने की जरूरत होती है। हमें हर परिस्थिति में अलग-अलग चीजों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में हम अगर अपनी भावना को सही ठंग से व्यक्त नहीं कर पाते तो वो हमारे जीवन में तनाव, निराशा व घृणा के रूप में सामने आता है। समय पर इसका समुचित इलाज न कराया जाये तो इसका इसका गंभीर परिणाम हो सकता है।

साइकोलॉजिस्ट की सुविधा जिलावासियों के लिये महत्वपूर्ण :

डीपीएम रेहान अशरफ ने कहा कि लोगों के मानसिक स्वास्थ्य की देखरेख स्वास्थ्य विभाग की नई प्राथमिकताओं में शुमार है। मानसिक रोगों की शुरुआत एंजाइटी से होती है। चिंता, व्यग्रता, उत्कंठा एंजाइटी के विभिन्न स्वरूप हैं। जो सकारात्मक व नकारात्मक दोनों तरह के हो सकते हैं। आज के दौर में अधिकांश लोग एंजाइटी की चपेट में हैं। स्व- मूल्यांकन के जरिये इसका पता आसानी से लगाया जा सकता है। कोरोना काल में स्वास्थ्य कर्मी सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। उन्हें लगातार मुश्किल दौर से गुजरना पड़ रहा है। सबसे पहले उनके लिये सभी तरह के स्वास्थ्य कर्मी के लिये कांउसिलिंग सत्र आयोजित करने की योजना है।. इससे उनके पारिवारिक व सामाजिक जीवन में बदलाव संभव हो। इससे मरीजों के प्रति उनके व्यवहार में बदलाव लाने का प्रयास होगा। सदर अस्पताल में साइकोलॉजिकल क्लिनिक की सुविधा आम लोगों के लिये उपलब्ध है। ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका लाभ लेना चाहिये।

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