वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
शिव की भक्ति से प्राप्त की जा सकती सुख व समृद्धि : अरुण मिश्रा।
कुरुक्षेत्र, 3 अगस्त : शास्त्री नगर के हरिेओम मंदिर में 13 दिवसीय श्रीशिव महापुराण का शनिवार को समापन पूणार्हुति के साथ हुआ। कथा वाचक पंडित अरुण मिश्रा के सानिध्य में संपन्न हुई, जिसमें बड़ी संख्या में नगर की महिलाएं व पुरुष शामिल हुए। 4 अगस्त रविवार को मंदिर परिसर में भंडारे का आयोजन किया जाएगा। कथा वाचक पंडित अरुण मिश्रा ने अंतिम दिन की कथा सुनाते हुए भक्तों से कहा कि शिव के महात्मय से ओत-प्रोत यह पुराण शिव महापुराण के नाम से प्रसिद्ध है। भगवान शिव पापों का नाश करने वाले देव हैं तथा बड़े सरल स्वभाव के हैं। इनका एक नाम भोला भी है। अपने नाम के अनुसार ही बड़े भोले-भाले एवं शीघ्र ही प्रसन्ना होकर भक्तों को मनवांछित फल देने वाले हैं। कथावाचक अरुण मिश्रा ने शिव की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान शिव ही मनुष्य को सांसारिक बन्धनों से मुक्त कर सकते हैं, शिव की भक्ति से सुख व समृद्धि प्राप्त की जा सकती है। कहा कि इस अलौकिक शिवपुराण की कथा सुनना अर्थात पाप से विमुक्त होना है। आयोजित शिव महापुराण में कथा को सुनने के लिए सैकड़ों की संख्या में भक्त पहुंचे। कथा सार सुनकर श्रोता झूम उठे। पूणार्हुति के पूर्व शिवपुराण के कथा वाचक पंडित अरुण मिश्रा ने शिव महापुराण कथा का सार बताया। कहा कि इस सांसारिक युग में प्रत्येक मनुष्य के मन में लालच और लोभ की भावना जागृत हो जाती है जिससे वह अपने लाभ की शातिर धार्मिक कार्यो से हटकर पापों जैसे कार्य करने लगता है। ऐसे कार्य जिससे उनका जीवन नरक बनता चला जाता है लेकिन ऐसे मनुष्य को शिव महापुराण की कथा सुनने से ज्ञान आता है तब वह इन पापों रूपी कार्यो को करना बंद कर देता है और भगवान शिव की अराधना में लीन हो जाता है तब उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। भौतिक और वैज्ञानिक जाल में फंसे मनुष्यों को विपदा और कष्टों से शिव महापुराण की कथा मुक्ति दिलाती है। इस अवसर पर समिति के प्रधान जितेंद्र शर्मा, सचिव सुभाष अरोड़ा, विपिन गुप्ता, पवन गुप्ता, कोषाध्यक्ष प्रवीण गोयल, तरुण वधवा, वेद प्रकाश जेटली, बलदेव पुंज, वंदना चावला, वीना गुप्ता, अचला अरोड़ा, सरोज गुप्ता, माया रानी सहित कई श्रद्धालु मौजूद रहे। कथा के अंत में महाआरती का आयोजन किया गया।
कथा सुनाते कथा वाचक पंडित अरुण मिश्रा।