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बालिका संरक्षण एवं शिक्षित करने की मिसाल बनी श्री जयराम शिक्षण संस्थाएं : कवंरजीत सिंह प्रिंस।
कुरुक्षेत्र, 24 दिसम्बर : देशभर में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष एवं कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर के तट पर श्री जयराम विद्यापीठ के संचालक ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों के संरक्षण के साथ साथ विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र की बेटियों को अधिक से अधिक शिक्षित करने के लिए संकल्पबद्ध हैं। अपने पूज्य गुरु ब्रह्मलीन देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से संस्कृत भाषा व वेद की शिक्षा का प्रचार-प्रसार, बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ ही गरीब बेटियों के सामूहिक विवाह जैसे कल्याणकारी कार्य करवाकर ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी मानव कल्याण व लोकसेवा में निरंतर करवा रहे हैं। यह विचार वरिष्ठ नेता स. कंवरजीत सिंह प्रिंस ने श्री जयराम विद्यापीठ में ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी से आशीर्वाद लेते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा महापुरुषों का जीवन जगत के लिए प्रकाश स्तंभ की तरह होता है। जिससे समाज को समय समय पर दुःखों के तूफानों में सागर में डूबते तैरते मानव के लिए महापुरुषों का जीवन एक प्रकाश स्तंभ सिद्ध होता है। प्रिंस ने कहा कि प्रातः स्मरणीय राष्ट्रसंत, संकल्प सिद्ध कर्मयोगी ब्रह्मलीन श्री देवेन्द्र स्वरूप ब्रह्मचारी जी महाराज का जीवन-चरित्र भी इसी कोटि का रहा है। जिनकी जीवन गंगा समाज-कल्याण और राष्ट्र सेवा के सुदृढ तटों के मध्य प्रवाहित होती हुई, मानव जाति के आध्यात्मिक उत्थान के लिए गतिशील रही है। प्रिंस ने कहा देश के कई राज्यों में जयराम संस्थाएं हैं जो परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी के मार्गदर्शन से समाज सेवा और संस्कृति व संस्कारों के प्रचार-प्रसार के लिए अनेक प्रकल्प चला रही हैं। श्री जयराम विद्यापीठ ऐसी आध्यात्मिक संस्था है जो बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की मुहिम को कई दशकों से संचालित कर रही है। हरिद्वार से लेकर दिल्ली तक और हरियाणा से भी समय समय पर बेटियों के संरक्षण के लिए इस संस्था की ओर से कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। श्री जयराम संस्थाएं भारतीय संस्कृति के व्यापक प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से जनकल्याण, बेटियों का संरक्षण, गो सेवा, संतों की सेवा आदि के प्रकल्प को बढ़ाते हुए लगातार समाज और राष्ट्र के उत्थान में अपना योगदान कर रही है। अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, गौ शाला, योग भवन, तकनीकी संस्थान, संस्कृत महाविद्यालय, वेद संस्थान, अध्यात्म केंद्र इत्यादि बनाना और शिक्षा के क्षेत्र में और ज्यादा प्रयास करना संस्था का मुख्य उद्देश्य रहा है। इस मौके पर चंद्रभान शर्मा, सुरेन्द्र पाल भट्टी, धर्मपाल पौलस्त्य, डी. के. गुप्ता, खरैती लाल सिंगला, सुरेंद्र गुप्ता, श्रवण गुप्ता, ईश्वर गुप्ता, राजेश सिंगला, रोहित कौशिक सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।