श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय आयुष चिकित्सा पद्धति में विश्व का सिरमौर बनेगा : डॉ. बलदेव कुमार

श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय आयुष चिकित्सा पद्धति में विश्व का सिरमौर बनेगा : डॉ. बलदेव कुमार।

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877

कुरुक्षेत्र : श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति डॉ. बलदेव कुमार का कार्यकाल मंगलवार को समाप्त हो गया। विश्वविद्यालय के सभी शैक्षणिक, गैर-शैक्षणिक अधिकारियों और कर्मचारियों ने हर्षपूर्वक उनको विदाई दी। इससे पहले कुलपति डॉ. बलदेव कुमार ने आयुर्वेद के पितामह भगवान धन्वंतरि की वंदना कर पुष्प अर्पित किये और आयुष विवि के प्रांगण में पौधारोपण किया। कुलपति डॉ. बलदेव कुमार ने कहा कि पांच वर्ष के कार्यकाल में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का पूरा सहयोग मिला। यहां मिले स्नेह को कभी भुलाया नहीं जा सकता। यह संस्थान एक वट वृक्ष की भांति है। जिसकी अनेकों शाखाएं हैं, और नई कोपलें फूट रही हैं। सभी शाखाएं अपना कार्य इमानदारी और कर्तव्य पूर्वक कर रही हैं। निश्चित रूप से भविष्य में यह संस्थान ओर भव्य रूप धारण करेगा और आयुष चिकित्सा पद्धति में विश्व का सिरमौर बनेगा। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. नरेश कुमार ने विश्वविद्यालय परिवार की ओर से कुलपति महोदय को आगामी सफल जीवन और दीर्घायु के लिए शुभकामनाएं दी, और कहा कि आयुष विश्वविद्यालय ने कुलगुरु डॉ. बलदेव कुमार के पांच वर्ष के कार्यकाल में सम्पूर्ण रचनात्मक ऊर्जा का विनियोग किया है और आगे भी करता रहेगा। हरियाणा प्रदेश के अन्दर आयुर्वेद के सभी 14 विभागों में एम.डी के साथ ही पी.एच.डी भी विद्यार्थियों को कराई जा रही है। जिसका लाभ यह हुआ कि अब प्रदेश के छात्रों को एम.डी की डिग्री के लिए दूसरे राज्यों का रुख नहीं करना पड़ता। जिसका श्रेय उनको ही जाता है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय से 14 आयुर्वेदिक और एक होम्योपैथिक कॉलेज सम्बन्धित है। आयुष विवि में दो वर्ष का डी- फार्मा व एक वर्ष का पंचकर्म सहायक का कोर्स विद्यार्थियों को कराया जा रहा है इसके साथ ही दो वर्ष का पंचकर्म सहायक कोर्स के लिए इस साल से दाखिला प्रक्रिया शुरू की जानी है। विद्यार्थियों के अध्ययन हेतु 150 सीटों का पुस्तकालय और 20 सीटों से युक्त ई लाइब्रेरी स्थापित की गई। आयुर्वेद में शोध को लेकर विश्वविद्यालय में शोध व नवाचार विभाग बनाया गया। जो पूरे भारत में आयुर्वेद में रिसर्च को लेकर पहली लेब है। जिसके माध्यम से विभिन्न शोध कार्य किये जा रहे हैं। विश्वविद्यालय के सभी कार्य हिन्दी भाषा में होते हैं। विश्वविद्यालय द्वारा योग में एक माह का योगा वेलनेस कोर्स शुरू किया गया है। इसके साथ ही इस वर्ष से योग में एक वर्ष का डिप्लोमा कोर्स शुरू हो जाएगा। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।

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