श्री स्थाणु महादेव शनि मन्दिर, श्री दक्षिण काली पीठ नव ग्रह शनि मन्दिर श्री मार्कण्डेश्वर महादेव मंदिर में शनि जयंती पर हुआ सूर्यपुत्र शनिदेव पूजन

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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मन्दिरों में विश्व कल्याण के लिए की गई शनिदेव की आराधना।

कुरुक्षेत्र, 10 जून :- ज्येष्ठ महीने की अमावस्या पर बृहस्पतिवार को आज कुरुक्षेत्र के प्राचीन स्थाणु महादेव शनि मन्दिर , पिहोवा के दक्षिण काली पीठ नवग्रह शनि मन्दिर ,मारकण्डा नदी के तट पर स्थित श्री मार्कण्डेश्वर महादेव मंदिर में आज शनि मन्दिरों में विश्व कल्याण रोग निवारण व प्राकीर्तिक आपदाओं के निवारण के लिए हवन यज्ञ पूजा पाठ किया गया। ठसका मीरां जी में चल रहे दो दिवसीय वट सावित्री पूजन का विधिवत संत महापुरुषों द्वारा समापन किया गया। इसी अवसर पर अखिल भारतीय श्री मार्कण्डेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी के सान्निध्य में नवग्रह मंदिर के साथ शनि शिला पर विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ शनि जयंती के अवसर पर सूर्यपुत्र शनिदेव का पूजन एवं तेलाभिषेक किया गया। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि मनुष्य द्वारा किया गया कोई भी बुरा या अच्छा कार्य शनिदेव से छिपा हुआ नहीं है। शनि जयंती पर शनिदेव की पूरे विधि-विधान एवं भक्ति भाव से पूजा अर्चना करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। कुरुक्षेत्र के स्थाणु महादेव शनि मन्दिर व पिहोवा के श्री दक्षिण काली पीठ नव ग्रह शनि मन्दिर के महंत बंशी पुरी पुरी ने बताया कि आज अद्भुत अवसर है कि सूर्यग्रहण एवं वट सावित्री पूजन के दिन ही शनि जयंती है। ऐसे अवसर पर पूजा करने से हर प्रकार के शनि दोषों से मुक्ति मिलती है। उन्होंने बताया कि मनुष्य के कर्मों के अनुसार ही शनिदेव उसे वैसा ही फल देते हैं। साढ़ेसाती और ढैय्या आदि समस्याओं से परेशान लोगों के लिए शनि जयंती खास पर्व होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन शनि पूजा करने, व्रत रखने और दान करने से व्यक्ति शनि के अशुभ प्रभाव से मुक्ति पाता है। शनिदेव की विधिपूर्वक पूजा करने से भक्तों की सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उन पर शनिदेव की कृपा बनी रहती है।
शनि जयंती पर महंत जगन्नाथ पुरी के सानिध्य में शनि शिला पर श्रद्धालुओं ने विधिवत पूजन कर कोरोना महामारी से मुक्ति व विश्व कल्याण की कामना की।

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