ब्यूरो रिपोर्ट-एम एन बादल
सरकार के गलत रवैयों के कारण जिले के कलाकारों में काफी रोष देखा जा रहा है। कलाकार जहां एक तरफ अपनी संास्कृतिक विरासत को बचाने में लगे हुए हैं। वहीं राज्य सरकार अपनी गलत नीतियों से कलाकारों के वजूद को ही मिटाते आ रहे हैं। यही कारण है आज भी माता-पिता अपने बच्चों को जल्दी इस क्षेत्र में आने नहीं देते हैं। अगर गलती से कोई इस कला क्षेत्र में आ भी जाता है तो उसे कुछ समय के बाद उसके माता-पिता द्वारा जबरन नौकरी की तलाश करने को कहा जाता है। जिसके कारण एक अच्छा कलाकार कला जगत में रहकर भी उससे दूर हो जाता है। ऐसे में महामंच निर्माण का निर्णय बहुत ही जरुरी हैै और मैं उसका पूरा समर्थन करता हुं उक्त बातें बताते हुए वरिष्ठ कलाकार संजीव कुमार सिन्हा उर्फ एस के संजु ने महामंच के निर्माण को लेकर आवाज बुलंद करने वाले शिवाजी राव, अंजनी श्रीवास्तव, मिथिलेश राय जैसे कलाकारों को दिल से बधाई दी है और कहा कि मैंने स्वयं अपनी आधी उम्र कला जगत को दिया है। आज जब भी प्रशासन का कोई कार्यक्रम होता है तो मैं उसमें एनाउंसर के रुप में होता हुं और मुझे कुछ पारिश्रमिक भी मिल जाता है। लेकिन उसके बाद मेरा क्या होगा यह एक प्रश्न चिन्ह बन जाता हैै। कलाकार कला के अलावा और कोई दूसरा काम सही तरीके से नहीं कर सकते हैं। यह बात सरकार और प्रशासन को भी पता है। इसके बावजूद भी उससे जुड़े रोजगार पर सरकार आज तक कुछ नहीं कर सकी हैै। उन्होंने बताया कि यह हालत केवल मेरी नहीं है बल्कि मेरे जैसे सैकड़ों लोग आज भी शहर और गांव में भटक रहे हैं कुछ तो गुजर गए, कुछ का गुजरना बाकी हैै और जो बचे हैं उनके लिए सरकार की आंखें बंद हैं। ऐसे में महामंच निर्माण का निर्णय बहुत ही जरुरी हैै और मैं उसका पूरा समर्थन करता हुं।