माता पिता के बच्चों की शादी के प्रति तनाव को दूर कर कामयाब जोड़ी बनवाने में अहम भूमिका निभाते है लुधियाना के समाजसेवी सुनील जैन।
सेंट्रल डेस्क – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 94161- 91877
जरूरतमंद कन्याओं की शादी में बिना दिखावे के गुप्त सहायता से समाज सेवा कर रहा अग्रवाल परिवार मिलन संघ।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 21 वीं सदी के हिसाब से हो रहा समाज सेवा कार्य।
पंजाब लुधियाना :- अग्रवाल परिवार मिलन संघ आप सब के सहयोग से 24 लडकियों की शादी में यथा संभव सहयोग कर चुका है। अब अन्य परिवार ने अपनी बेटी की शादी के लिए आप सबसे सहयोग की उम्मीद अग्रवाल परिवार मिलन संघ के माध्यम से जताई है। इस लड़की की शादी इस महीने के आखिर में है। शादी योग्य बेटी और उसके परिवार की पहचान व तारीख इसलिये सार्वजनिक नही की जाती कल को लड़की के ससुराल परिवार को पता चलने पर उसे ताहने नही सुनने पड़े की तेरा बाप तो बारात में आये चार लोगों को रोटी तक नही खिला पाया। इसलिये हमारी संस्था का कोई भी प्रितिनिधि भी ऐसी शादी में आशीर्वाद के नाम पर फ़ोटो खिंचवाने नही जा सकता।लिहाजा आपके द्वारा दी गई कन्या दान के लिए राशि भी लड़की के परिवार को बजरिया बैंक ही भेजी जाती है ताकि उस बेटी को भी पता नही चले कि उसकी शादी के लिए उसके परिवार के पास पैसे और सामग्री कहाँ से आई। इस लिये आप सभी से निवेदन है कि इस कन्या की शादी के लिए आप अगर आर्थिक सहयोग बतौर शगुन दे सकते हो तो अग्रवाल परिवार मिलन संघ के बैंक खाता में जमा करवा सकते हो।अगर कोई अन्य सामान इस बेटी की शादी के लिए दे सकते हो तो जरूर दे जैसे कम्बल, बिस्तरे, लेडीज सूट, साड़ी,पर्स, सिलाई मशीन,प्रेस,अटैची केस,बेड शीट, कुक्कर, आदि जो शादी के बाद इस बेटी के काम आ सके। हां , आपके द्वारा दिये गए समान जिस परिवार के सुपर्द किया जाता है उसकी फोटो जरूर हम अपने कंप्यूटर में रखते है।आपका
सेवादार सुनील जैन मित्तल दूरभाष – 98885 35509
अग्रवाल परिवार मिलन संघ के बैंक खाते में आप ऑनलाइन पैसे भी जमा करवा सकते है, जिसकी डिटेल इस प्रकार है।
बैंक का नाम, HDFC बैंक
खाता होल्डर का नाम-अग्रवाल परिवार मिलन संघ
एकाउंट नंबर – 50100100838074 है
IFSC कोड : HDFC 0001320 है।
ब्रांच का नाम माता रानी चौक है जबकि कई बार ब्रांच का नाम फुलावाल भी आता है तो भी यही कोड लिख कर धन जमा करवाते हो तो संस्था के खाते में चला जाता है। सुनील जैन ने बताया कि बच्चें बच्चे ही होते चाहे उनके माता पिता कोई भी हो उनके चेहरे पर मुस्कान देखना ही मनुष्ययोनि में जन्म लेना सार्थक हो जाता है।