नई शिक्षा नीति अनुरूप सिलेबस बनाने का प्रशिक्षण देने के लिए कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के आईएमसीएमटी में विशेष व्याख्यान आयोजित

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877

कुरुक्षेत्र, 10 मार्च : “साइंस, कॉमर्स और ह्यूमेनिटिज आदि सभी विषय एक-दूसरे से जुड़ने जा रहे हैं। अब साइंस के कोर्स करने वाला विद्यार्थी सोशल साइंस से जुड़े किसी पाठ्यक्रम को भी अतिरिक्त विषय के रूप में पढ़ सकेगा। साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स आदि के मिलेजुले विषय पढ़कर विद्यार्थी अपने ज्ञान और स्किल को निखारने के अपार अवसर प्राप्त करेगा, लेकिन सभी विषयों के संगम वाली इस पढ़ाई के लिए शिक्षकों को बहुत अच्छे से तैयार होना होगा।”
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी स्थित आईएमसीएमटी (इंस्टीच्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन एंड मीडिया टेक्नॉलाजी) के शिक्षकों को संबोधित करते हुए यह शब्द यूनिवर्सिटी के आईआईएचएस (इंस्टीच्यूट ऑफ इंटिग्रेटिड एंड ऑनर्स स्टडीज) की प्रोफेसर अनिता दुआ ने कहे। वे गुरुवार को नई शिक्षा नीति अनुरूप सिलेबस तैयार करने के लिए आईएमसीएमटी द्वारा आयोजित विशेष व्याख्यान के अवसर पर संबोधित कर रहीं थी।
प्रो. दुआ ने कहा कि अब नई शिक्षा नीति लागू होते ही पढ़ने-पढ़ाने का पूरा ढांचा ही बदला जाएगा। शिक्षकों और विद्यार्थियों को सबकुछ नए तरीके से सोचना होगा, तभी वो इसके लिए तैयार हो पाएंगे। उन्होंने शिक्षकों को बताया कि नई शिक्षा नीति का मूल उद्देश्य है कि विद्यार्थियों में अधिक से अधिक स्किल बढ़े वो अधिक से अधिक प्रेक्टिकल कार्य करें।इसके लिए सिलेबस बनाना अपने आप में बहुत जिम्मेदारी भरा और चुनौती भरा कार्य होगा। यह भी सत्य है कि यह बहुत ही रुचिकर कार्य भी होगा। एक शिक्षक को अपने विषय के कोर्साे के साथ अन्य विषयों के विद्यार्थियों के लिए भी कोर्स डिजाइन करने होंगे। अंडर ग्रेजुएट कोर्स इस तरह डिजाइन करने होंगे कि अगर कोई विद्यार्थी नई शिक्षा नीति के अंतर्गत निर्धारित ग्रेजुएशन के चार साल से पहले भी कोर्स छोड़ना चाहे, तो उसे हम एक कम्पलिट सर्टिफिकेट कोर्स दे सकें। इसमें विद्यार्थियों के पास चार वषीर्य पाठ्यक्रम को किसी स्तर पर छोड़कर जाने और फिर उसमें दोबारा लौटने के मल्टीपल ऑपश्न होंगे। कोर्सों का अंतिम वर्ष बाहर इंडस्ट्री में इंटरनशिप को ही लगभग समर्पित रहेगा, लेकिन शिक्षक और विद्यार्थी एक दूसरे से जुड़े रहेंगे।
उन्होंने अंत में इस बात पर जोर दिया कि विद्यार्थियों की क्रिटिकल थिकिंग बढ़ाना नई शिक्षा नीति के प्रमुख ध्येय में से एक है और सिलेबस इसी अनुसार ही बनने चाहिए। संस्थान की निदेशिका प्रोफेसर बिंदु शर्मा ने रिसोर्स पर्सन का स्वागत किया और संस्थान शिक्षिका डॉ. मधुदीप ने उनका आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर संस्थान के सभी पाठ्यक्रमों के शिक्षक उपस्थित थे।

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