हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877
कुरुक्षेत्र, 4 दिसम्बर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के जियोलाजी विभाग में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के निर्देशानुसार विभाग के पूर्व छात्रों तथा जियोलॉजी के क्षेत्र में उच्च स्तरीय कार्य करने वाले विशेषज्ञों के व्याख्यान करवाए जा रहे हैं जिसका विभाग के विद्यार्थी लाभ उठा रहे हैं। जियोलाजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. नरेश कुमार ने बताया कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, आधुनिक युग के उद्योगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम के साथ-साथ विद्यार्थियों को पेशेवर रूप से कुशल बनाना भी जरूरी है। दोनों में समन्वय बनाने के लिए विभाग ने एक कड़ी की शुरुआत की है जिसके अंतर्गत जर्मनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कार्यरत गौरव कुमार का एक व्याख्यान करवाया गया। इस व्याख्यान का मुख्य उद्देश्य यह था कि विद्यार्थी उच्च स्तरीय शिक्षा के लिए जर्मनी के विश्वविद्यालयों में दाखिला कैसा कैसे ले सकते हैं व वहां पर रोजगार की संभावनाओं पर चर्चा की गई। गौरव कुमार के अनुसार जर्मनी में जियोलॉजी के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को जर्मनी में पढ़ाई से संबंधित पूरी जानकारी उपलब्ध करवाई।
इसी कड़ी में दूसरा व्याख्यान विभाग के पूर्व छात्र डॉ. विक्रम प्रताप सिंह द्वारा दिया गया। डॉ. विक्रम प्रताप सिंह बीरबल साहनी इंस्टिट्यूट ऑफ़ पैलियोसाइंसेस, लखनऊ में कार्यरत हैं। उन्होंने अपने व्याख्यान में पेट्रोलियम व नेचुरल गैस के संबंध में चर्चा की व विद्यार्थियों को पेट्रोलियम व नेचुरल गैस से संबंधित कंपनियों में नौकरियों के बारे में बताया उन्होंने कहा कि भविष्य में इंधन से संबंधित शोध पर अधिक ध्यान दिया जाएगा क्योंकि इंधन आधुनिक युग की अति आवश्यक जरूरत है। इंधन के बिना कोई भी देश उन्नति नहीं कर सकता है। जियोलॉजी से जुड़े हुए विद्यार्थी इस क्षेत्र में आसानी से रोजगार पा सकते है, जिससे न सिर्फ उनकी बल्कि राष्ट्र की उन्नति भी निर्धारित है।
वहीं तीसरा व्याख्यान विभाग के शिक्षक यशपाल ने जियोफिजिक्स विभाग के डॉ. सुशील कुमार के सहयोग से बच्चों को स्किल डेवलपमेंट एक्टिविटी के बारे में बताया। इस व्याख्यान में विद्यार्थियों को जियोफिजिकल प्रोस्पेक्टिंग की ट्रेनिंग दी गई। इस ट्रेनिंग में विद्यार्थियों ने सीखा की धरती के नीचे पानी का कैसे पता लगाया जाए। इससे पानी की क्वालिटी के बारे में भी पता चलता है।
उपरोक्त सभी व्याख्यानों के लिए विभाग के अध्यक्ष डॉ. नरेश कुमार सहित प्रोफेसर एआर चौधरी, डॉ. ओम प्रकाश, डॉ. सतीश कुमार, पर्यंत अश्वनी, स्वाति राणा, सरिता मान ने सभी विशेषज्ञों का धन्यवाद किया।