विश्व रक्त दाता दिवस पर विशेष

विश्व रक्त दाता दिवस पर विशेष

14 जून को ‘विश्व रक्तदान दिवस या विश्व रक्त दाता दिवस यानी वर्ल्ड ब्लड डोनर डे (World Blood Donor Day) मनाया जाता है. वर्ल्ड ब्लड डोनर डे का उद्देश्य रक्तदान को बढ़ावा देना है. विश्व रक्तदान दिवस पहली बार साल 2004 में मनाया गया.

World Blood Donor Day: 14 जून को ‘विश्व रक्तदान दिवस या विश्व रक्त दाता दिवस मनाया जाता है

खास बातें
विश्व रक्त दाता दिवस 2020 की थीम है ‘सेफ ब्लड, सेव्स लाइव्स’ है.
14 जून को ‘विश्व रक्तदान दिवस मनाया जाता है.
विश्व रक्तदान दिवस पहली बार साल 2004 में मनाया गया.
14 जून को ‘विश्व रक्तदान दिवस या विश्व रक्त दाता दिवस यानी वर्ल्ड ब्लड डोनर डे (World Blood Donor Day) मनाया जाता है. वर्ल्ड ब्लड डोनर डे का उद्देश्य रक्तदान को बढ़ावा देना है. विश्व रक्तदान दिवस पहली बार साल 2004 में मनाया गया. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन (World Health Organization) ने इसकी शुरुआत की थी. दुनिया में खून की जरूरत और इस जरूरत के मुताब‍िक खून उपलब्ध न होने यानी खून की कमी को पूरा करने के इरादे से वर्ल्ड ब्लड डोनर डे मनाया जाता है.
क्यों मनाते हैं विश्व रक्त दाता दिवस या वर्ल्ड ब्लड डोनर डे का इतिहास (World Blood Donor Day History)
14 जून को नोबल प्राइस विजेता कार्ल लैंडस्टेनर (Karl Landsteiner) का जन्म हुआ था. यही वे साइंटिस्ट हैं, जिन्होंने ABO ब्लड ग्रुप सिस्टम खोजने का श्रेय मिला है. ब्लड ग्रुप्स का पता लगाने वाले कार्ल लैंडस्टीनर के जन्मदिन के दिन ही विश्व रक्तदान दिवस मनाया जाता है. कार्ल लैंडस्टीनर के द्वारा ब्लड ग्रुप्स का पता लगाए जाने से पहले तक ब्लड ट्रांसफ्यूजन बिना ग्रुप के जानकारी होता था. इस खोज के लिए ही कार्ल लैंडस्‍टाईन को सन 1930 में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

क्या होता है ब्लड ट्रांसफ्यूजन या खून चढ़ाना? (What is Blood Transfusion?)
एक व्यक्ति से रक्त या रक्त के घटकों को लेकर दूसरे व्यक्ति‍ में स्थानांतरण करना ब्लड ट्रांसफ्यूजन कहलाता है. ब्लड ट्रांसफ्यूजन (Blood Transfusion) शरीर में रक्त की आपूर्ति करने के लिए किया जाता है. ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत अक्सर शरीर में रक्त की कमी होने पर पड़ती है. एक सुई या पतली ट्यूब के जारिए एक नस में ब्लड ट्रांसफर किया जाता है. कितना खून चढ़ाना है इसमें लगने वाले समय को निर्धारित करता है.

रक्तदान का सेहत पर अच्छा असर होता है.

विश्व रक्त दाता दिवस का महत्व (World Blood Donor Day Importance)
अपनी मर्जी से बिना धन लि‍ए स्वैच्छिक रक्तदान यक जीवन बचाने वाले लोगों को धन्यवाद देने और नियमित रक्तदान की जरूरत के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल 14 जून को विश्व रक्त दाता दिवस मनाया जाता है.
सुरक्षित रक्त की जरूरत हर जगह है. इलाज के दौरान अक्सर सुरक्षित रक्त महत्वपूर्ण होता है. यह जीवन को बचाने वाली चिक‍ित्स‍िय जरूरतों में से एक है. सभी प्रकार की आपात स्थितियों (प्राकृतिक आपदा, दुर्घटना, सशस्त्र संघर्ष आदि) के दौरान घायलों के इलाज के लिए रक्त भी अहम है और मातृ और नवजात देखभाल में एक आवश्यक, जीवन रक्षक भूमिका है. इसी रक्त के महत्व और रक्तदान के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने के लिए और जागरुकता के लिए विश्व रक्त दाता दिवस महत्व रखता है.

विश्व रक्त दाता दिवस 2020 का नारा (World Blood Donor Day 2020 Slogan)
विश्व रक्त दाता दिवस का नारा है ‘सुरक्षि‍त रक्त, बचाए जीवन’, सेफ ब्लड सेव्स लाइव्स (Safe blood saves lives). इसी के साथ विश्व रक्त दाता दिवस पर नारा यानी स्लोगन दिया गया है ‘रक्त दें और दुन‍िया को एक सेहतमंद जगह बनाएं, गिव ब्लड एंड मेक द वर्ल्ड हेल्दियर प्लेस (Give blood and make the world a healthier place)

कौन कर सकता है रक्तदान (Who Can Donate Blood)
कोई भी स्वस्थ व्यक्ति 18 साल की उम्र के बाद ही, 45 से 50 किलोग्राम से ज्यादा वज़न होने पर रक्तदान कर सकता है. रक्तदाता को एचआईवी, हेपाटिटिस बी या हेपाटिटिस सी जैसे रोग न हुए हों. शरीर में आयरन की मात्रा भरपूर रखें. इसके लिए रक्तदान से पहले मछली, बीन्स, पालक, किशमिश या कोई भी आयरन से भरपूर चीज़ें खाएं.

विश्व रक्तदाता दिवस के इवेंट (World Blood Donor Day events)
वर्तमान COVID-19 महामारी के कारण, WHO इस वर्ष एक वैश्विक आभासी अभियान चलाएगा. डब्ल्यूएचओ द्वारा समय समय पर विश्व के लोगों की भलाई हेतु अनेक प्रकार के प्रोग्राम, अभियान चलाए जाते हैं।

रक्तदान के फायदे (Benefits Of Blood Donation)
दिल की सेहत सुधरती है : र‍क्तदान से हार्ट अटैक की आशंका कम होती है. रक्तदान से खून का थक्का नहीं जमता, खून कुछ मात्रा में पतला हो जाता है और हार्ट अटैक का खतरा कम होता है.

वज़न होता है कम: रक्तदान वज़न कम करने में भी आपकी मदद कर सकता है, इसलिए साल में कम से कम दो बार रक्तदान करना चाहिए.

कैलोरी घटती हैं: डेढ़ पाव खून का दान करने से आपके शरीर से 650 कैलोरीज़ कम होती हैं.
लिवर की सेहत में सुधार: खून डोनेट करने से लिवर से जुड़ी समस्याएं कम हो सकती हैं. शरीर में ज़्यादा आयरन होने का दबाव लिवर पर पड़ता है. वहीं, रक्तदान से आयरन की मात्रा बैलेंस हो जाती है.

घटता है कैंसर व कैंसर जैसी बिमारियों का खतरा: आयरन की मात्रा को बैलेंस करने से लिवर हेल्दी बनता है और कैंसर का खतरा भी कम हो जाता है.

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